उद्धव ठाकरे को देवेंद्र फडणवीस का खुला ऑफर, अगर चाहो तो साथ आ जाओ

उद्धव ठाकरे : महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से हलचल मची है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि 2029 तक बीजेपी या उसका गठबंधन विपक्ष में नहीं जाएगा। उन्होंने इशारों में शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता उद्धव ठाकरे को सत्ता में साथ आने का न्योता भी दिया। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब बीएमसी चुनाव नजदीक हैं और राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी की यह चाल उद्धव ठाकरे की शिवसेना को कमजोर करने की कोशिश हो सकती है, ताकि बीएमसी चुनाव में उन्हें नुकसान पहुंचाया जा सके।

बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत में हलचल तेज

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब मुंबई में बीएमसी चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पिछली बार शिवसेना और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर हुई थी। अभी बीएमसी पर उद्धव ठाकरे गुट का नियंत्रण है। भाजपा इस बार बीएमसी पर जीत हासिल करना चाहती है। इसके लिए वह हर तरह की राजनीतिक रणनीति बना रही है और दूसरे दलों से तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही है। पार्टी का मकसद है कि वह बीएमसी पर अपनी पकड़ मजबूत करे और उद्धव ठाकरे गुट को कमजोर करे।

उद्धव-राज की बढ़ती नजदीकी से भाजपा को गठबंधन में मुश्किल

हाल ही में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर नजर आए थे। दोनों भाइयों ने 20 साल की दूरी खत्म कर महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाने के फैसले का विरोध किया। हालांकि, राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस के उत्तर भारतीयों के खिलाफ रुख को लेकर उद्धव की शिवसेना सहज नहीं है। ऐसे में दोनों के बीच गठबंधन की संभावना अभी अधर में है। वहीं, भाजपा के लिए उद्धव के साथ आना आसान नहीं होगा क्योंकि एक ओर शिंदे गुट पहले से भाजपा के साथ है, दूसरी ओर उद्धव गुट की वापसी से सत्ता समीकरण में तनाव आ सकता है।