देवकीनंदन बोले- मैं राजनीति में नहीं जाऊंगा, हम सनातनी अपने मूड में हैं

स्वतंत्र समय, भोपाल

काफी समय से सनातन और संस्कृति को बचाने की मुहिम चला रहे प्रसिद्ध कथावाचक महाराज देवकीनंदन ठाकुर ने दो टूक कहा कि मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता हूं। मैं किसी पार्टी का नहीं हूं और न ही चुनाव लडऩा मेरा मकसद है। हम हिंदू हैं, भगवान श्रीकृष्ण, शंकर और श्रीराम को पूजने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई भी राजनेता हमसे वोट मांगने आता है तो हम अपनी जरूरतों की मांग करते हैं, क्योंकि हमारी जरूरत हमारा धर्म और संस्कृति है। सभी पार्टियां इलेक्शन मूड में हैं और हम सनातनी अपने मूड में हैं।
श्री ठाकुर ने कहा कि काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में साक्षात सनातन के चिन्ह दिखाई दिए हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का केस अभी हाईकोर्ट में है। कोर्ट ने आदेश को रोककर रखा है। हम आशा करते हैं कि जल्द ही एक ऐसा सर्वे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में भी होगा। काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी की तरह वहां भी भगवान मिलेंगे। हम श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भाजपा को धन्यवाद देंगे। देवकीनंदन महाराज शनिवार को भोपाल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए श्रीमदभागवत कथा दिल्ली के पटपडग़ंज में 18 से 25 फरवरी तक होगी। इसके साथ ही 25 फरवरी को दोपहर एक बजे से सनातन संत संसद लगेगी, जिसमें सनातन के तमाम विषयों और प्रमुख रूप से श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे पर चर्चा होगी।

देशभर के धर्माचार्य जुटेंगे

सनातन संसद में देशभर के सभी धर्माचार, धर्म प्रचारक, कथाकार, जगतगुरु, महामण्लेश्वर, शंकराचार्य आदि पधार रहे हैं। इस दौरान अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए भाजपा को धन्यवाद दिया जाएगा। साथ ही विपक्ष को आमंत्रित करेंगे। उक्त आयोजन सनातन न्यास फांउडेशन द्वारा कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अभी एक मंदिर बनवाया है। दो मंदिर और बनने हैं, जो मथुरा और काशी में बनने वाले हैं। इसके लिए हम सभी पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित कर रहे हैं। हमें बताएंगे कि वे हमारे लिए क्या कर सकते हैं।

देवकीनंदन ने कहा, मथुरा प्रशासन ने नहीं दी थी अनुमति

महाराज देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि उक्त आयोजन के लिए हमने मथुरा प्रशासन ने भूमि मांगी थी, लेकिन मथुरा प्रशासन ने हमें अनुमति नहीं दी, इसलिए हम दिल्ली में भागवत कथा रख रहे हैं। कथा के बाद ही मथुरा जाएंगे। महाराज ने कहा कि मैंने जामा मस्जिद की सीढ़ी में केशवदेवजी की मूर्ति को गाड़ा था। 90 प्रतिशत सनातनियों को यह बात पता ही नहीं है। आज भी लोग सीढिय़ों के माध्यम से उनके ऊपर पैर रखकर नमाज अदा करने जा रहे हैं। हमें उनकी नमाज से समस्या नहीं है, लेकिन अगर हमारे भगवान के ऊपर पैर रखकर जाएंगे तो हमें दर्द देगा।