Dhan Scam: मध्यप्रदेश के जबलपुर में फर्जी धान खरीदी से जुड़ा घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने कई जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को निशाने पर लिया है। जांच में सामने आया है कि धान की खरीदी, परिवहन और मिलिंग की पूरी प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किया गया।
शासन को करोड़ों रुपये की चपत लगाई गई, वहीं किसानों के नाम पर धान खरीदी दिखाकर फर्जी रसीदें बनाई गईं। इस पूरे घोटाले ने प्रशासन के सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह मामला अब प्रदेशभर में गहरी चिंता का विषय बन गया है। जांच एजेंसियां और प्रशासनिक अमला अब इस फर्जीवाड़े की तह तक जाने में जुटा हुआ है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके।
कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर जबलपुर में हुए फर्जी धान खरीदी घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। इस घोटाले में शामिल 74 लोगों के खिलाफ जिले के 12 अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
जांच में सामने आया कि इस फर्जीवाड़े में सरकारी कर्मचारी, राइस मिलर और सोसाइटी से जुड़े लोग संगठित रूप से शामिल थे। जिन 74 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें 13 शासकीय कर्मचारी, 17 राइस मिलर और 25 सोसायटी से जुड़े कुल 44 कर्मचारी शामिल हैं।
शिकायत मिलते ही पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए छानबीन शुरू कर दी है। प्रशासन अब इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है, ताकि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके और भविष्य में इस तरह की धांधली को रोका जा सके।
दरअसल, बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने विधानसभा सत्र के दौरान फर्जी धान खरीदी के मामले को प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने इस घोटाले में गहराई से जांच की मांग करते हुए कहा था कि प्रदेश में धान खरीदी, परिवहन और मिलिंग में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं।
विधायक द्वारा मामला उठाए जाने के बाद राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और जांच के निर्देश दिए। जांच में सामने आया कि नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक, राइस मिलर्स और सहकारी समितियों के बीच मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा अंजाम दिया गया था।
इस खुलासे के बाद प्रशासन हरकत में आया और कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश पर जबलपुर जिले के 12 थानों में एफआईआर दर्ज करवाई गई। मामले की जांच जारी है और उम्मीद है कि आगे और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।