Dhanteras Mantra: धनतेरस पर करें इन मंत्रों का जाप, जाग उठेगी सोई किस्मत, होगा बड़ा लाभ

Dhanteras Mantra: धनतेरस का पर्व धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इस वर्ष यह 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा।

इस दिन विशेष रूप से तीन महत्वपूर्ण देवताओं की पूजा की जाती है

1.यमराज: मृत्यु के देवता के रूप में जाने जाने वाले यमराज की पूजा से लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
2.कुबेर: धन के देवता कुबेर की पूजा से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। लोग इस दिन नए बर्तन, सोने-चांदी के आभूषण या अन्य मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी करते हैं।
3.भगवान धन्वंतरि: आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा से स्वास्थ्य और कल्याण की कामना की जाती है।
धनतेरस के दिन, लोग अपने घरों में सफाई कर के दीयों और रंगोली से सजावट करते हैं। इस दिन धन और समृद्धि के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे आने वाले समय में खुशहाली बनी रहे। धनतेरस के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन की पूजा विधि को ध्यान में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण कदम इस प्रकार हैं:
1.सुबह जल्दी उठें: धनतेरस के दिन प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
2.स्वच्छ वस्त्र धारण करें: स्नान के बाद स्वच्छ और शुभ वस्त्र पहनें। यह पूजा के लिए शुभ माना जाता है।
3.शुभ मुहूर्त में पूजा: कुबेर, धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए सही समय का चयन करें।
4.पूजा की तैयारी: पूजा के लिए सभी सामग्री एकत्र करें, जैसे कि फूल, दीपक, अगरबत्ती, मिठाई, फल और विशेष सामग्री जैसे चांदी या सोने के बर्तन।
5.मंत्रों का उच्चारण: पूजा करते समय विशेष मंत्रों का उच्चारण करना बहुत फलदायी होता है। उदाहरण के लिए, कुबेर और लक्ष्मी माता के मंत्र का जप करें।
•कुबेर मंत्र: “ॐ श्री कुबेराय नमः।”
•लक्ष्मी मंत्र: “ॐ श्रीं लक्ष्म्यै नमः।”
6.प्रसाद चढ़ाना: पूजा करने के बाद भगवान को प्रसाद चढ़ाएं। यह आपके द्वारा अर्पित की गई सामग्रियों का एक महत्वपूर्ण भाग है।
7.आरती करना: अंत में भगवान की आरती करें। आरती करते समय श्रद्धा भाव से गीत गाएं और दीप जलाएं।
इन चरणों का पालन करने से आप धनतेरस के पर्व पर सही तरीके से पूजा कर सकते हैं, जो आपके लिए धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करेगा।
श्री धन्वंतरि मंत्र का पाठ धनतेरस पर विशेष महत्व रखता है, क्योंकि भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता और स्वास्थ्य के प्रतीक माने जाते हैं। इस मंत्र का उच्चारण करने से स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। यहाँ पर मंत्र का संक्षिप्त विवरण और उसका महत्व प्रस्तुत है:

श्री धन्वंतरि मंत्र

1.ॐ धन्वंतराये नमः
2.ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
3.ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
4.ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृतकलसा हस्ताय धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
5.ॐ नमो भगवते धनवंतराय
अमृताकर्षणाय धन्वंतराय
वेधासे सुराराधिताय धन्वंतराय
सर्व सिद्धि प्रदेय धन्वंतराय
सर्व रक्षा कारिणेय धन्वंतराय
सर्व रोग निवारिणी धन्वंतराय
सर्व देवानां हिताय धन्वंतराय
सर्व मनुष्यानाम हिताय धन्वंताराय
सर्व भूतानाम हिताय धन्वंताराय
सर्व लोकानाम हिताय धन्वंताराय
सर्व सिद्धि मंत्र स्वरूपिणी
धन्वन्तराय नमः
विनाशनाय त्रिलोक नाथाय श्री महाविष्णवे नमः ||

मंत्र का महत्व

•स्वास्थ्य की कामना: इस मंत्र का पाठ करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निवारण होता है और व्यक्ति को निरोगी जीवन प्राप्त होता है।
•धन एवं समृद्धि: धन्वंतरि की पूजा से धन की वृद्धि होती है और आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
•रोग निवारण: मंत्र का उच्चारण करने से विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस मंत्र का जाप करने से आप मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। धनतेरस के दिन इसे अवश्य पढ़ें और भगवान धन्वंतरि से आशीर्वाद प्राप्त करें।