Dhar News : मध्य प्रदेश के धार जिले के 14 गांवों के किसानों के लिए 22 साल का लंबा इंतजार खत्म हो गया है। राज्य सरकार ने सरदारपुर स्थित खरमोर अभयारण्य की सीमाओं में बड़ा बदलाव करते हुए इसका क्षेत्रफल 348.12 वर्ग किलोमीटर से घटाकर 132 वर्ग किलोमीटर कर दिया है।
इस फैसले के बाद 216 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र अभयारण्य से बाहर हो गया है, जिससे हजारों किसानों को अपनी जमीन पर मालिकाना हक वापस मिल गया है।
इस निर्णय से प्रभावित गांवों में अब भूमि की खरीद-बिक्री, निर्माण और अन्य विकास कार्यों पर लगी रोक पूरी तरह से हट गई है। यह राहत उन ग्रामीणों के लिए एक नई सुबह की तरह है जो दो दशकों से अधिक समय से अपनी ही जमीन का उपयोग करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
किसानों को मिली 22 साल बाद राहत
वर्ष 2002 में खरमोर पक्षी के संरक्षण के लिए इस अभयारण्य का विस्तार किया गया था, जिसके दायरे में कई गांवों की निजी भूमि भी आ गई थी। इसके कारण इन क्षेत्रों में जमीन से जुड़े सभी तरह के लेनदेन और विकास कार्यों पर प्रतिबंध लग गया था। अब डिनोटिफिकेशन के बाद गुमानपुरा, बिमरोड, पिपरनी, सियादव और अमोदिया समेत कुल 14 गांव इस प्रतिबंध से मुक्त हो गए हैं। ग्रामीण अब अपनी जमीन बेच सकेंगे, उस पर घर बना सकेंगे और कृषि के अलावा अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी कर सकेंगे।
नई सीमा में वैज्ञानिक तरीके से होगा संरक्षण
वन विभाग ने नई सीमाओं के अनुसार काम शुरू कर दिया है। वन विभाग के एसडीओ संतोष रणशोरे के अनुसार बताया कि नया नक्शा तैयार कर लिया गया है और जमीन पर मार्किंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब संरक्षण का काम केवल सरकारी भूमि पर केंद्रित होगा। नई सीमाएं स्पष्ट कर दी गई हैं।
वहीं, डीएफओ विजय आनंद टीआर के अनुसार, घटे हुए 132 वर्ग किलोमीटर के कोर एरिया में खरमोर पक्षी के संरक्षण के लिए और बेहतर और वैज्ञानिक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “नए क्षेत्र में खरमोर संरक्षण के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाएंगे और इसे एक इको सेंसिटिव जोन के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि संरक्षण के प्रयासों को मजबूती मिल सके।”
विकास परियोजनाओं को मिलेगी गति
अभयारण्य की सीमाओं में बदलाव का एक बड़ा फायदा क्षेत्र की रुकी हुई विकास परियोजनाओं को भी मिलेगा। लंबे समय से अटकी इंदौर-दाहोद रेलवे परियोजना के काम में अब तेजी आने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरदारपुर-पेटलावद मार्ग के निर्माण की बाधा भी दूर हो गई है, जिससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।