मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 3 जुलाई को टेंट गिरने की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, और अब 8 जुलाई को ढाबे की दीवार गिरने से एक और श्रद्धालु की जान चली गई है, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं। दोनों हादसे भारी बारिश और अत्यधिक भीड़ के चलते हुए, जिससे लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
दरअसल, गुरु पूर्णिमा के मौके पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु बागेश्वर धाम पहुंचते हैं। इस बार भी 3 से 5 जुलाई तक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्मदिन और कथा महोत्सव को लेकर भारी भीड़ उमड़ी थी। इसी दौरान पहले टेंट गिरा और फिर ढाबे की दीवार ढह गई। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन और आयोजकों पर भीड़ प्रबंधन को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इतनी भीड़ में सुरक्षा और व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ी अपील
इन दो बड़े हादसों को देखते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं से एक बड़ी अपील की है। उन्होंने कहा कि बारिश और भारी भीड़ के कारण खतरा बना हुआ है, इसलिए इस बार लोग अपने-अपने घरों में ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाएं। उन्होंने कहा कि लाखों भक्त रोजाना धाम पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा सबसे पहले है। घर पर रहकर भक्ति करें, यही इस समय सबसे समझदारी भरा कदम होगा।
भारी बारिश और अव्यवस्था के बीच यात्रा से बचे
धीरेंद्र शास्त्री की अपील का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और धाम में अव्यवस्था को रोकना है। इस अपील के बाद उम्मीद की जा रही है कि लोग समझदारी दिखाते हुए भारी बारिश और अव्यवस्था के बीच यात्रा से बचेंगे। प्रशासन को भी चाहिए कि वह भविष्य के ऐसे आयोजनों के लिए ठोस योजना बनाए ताकि किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि न हो। इन घटनाओं ने यह दिखा दिया है कि धार्मिक आयोजन में श्रद्धा के साथ-साथ सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।