उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक बहुत ही दुखद और शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक कथावाचक के साथ सिर्फ उसकी जाति पूछकर अमानवीय व्यवहार किया गया। पीड़ित कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने कथावाचक की झूठी पहचान बनाकर कथा कही। इस आरोप के चलते न सिर्फ उन्हें अपमानित किया गया, बल्कि पब्लिक में उनकी चोटी काट दी गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
जातिवाद की शर्मनाक तस्वीर
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। कहा जा रहा है कि सबसे पहले कथावाचक से उनकी जाति पूछी गई, और जब उन्होंने अपनी जाति बताई, तो कुछ लोगों ने उन्हें भगवाधारी होने के लायक नहीं समझा। यही नहीं, बिना किसी जांच या प्रमाण के, सरेआम उनकी बेइज्जती की गई, जिससे यह साफ हो गया कि आज भी कुछ लोगों के दिलों में जातिवाद की जड़ें गहरी हैं।
धीरेंद्र शास्त्री ने जताई नाराजगी
इस पूरे मामले पर अब बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी कड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “हमारी किसी से लड़ाई नहीं है, लेकिन अगर देश को मिटाना है, तो जातिवाद की चर्चा करते रहिए। अगर देश को बनाना है, तो जातिवाद को मिटाने की बात कीजिए।”
‘देश को बचाना है तो जात-पात से ऊपर उठना होगा’
धीरेंद्र शास्त्री ने इटावा विवाद को लेकर कहा, “मैं दोनों पक्षों से प्रार्थना करता हूं कि इस विवाद को शांति से सुलझाएं। अगर हमें देश को बचाना है और इसे महान बनाना है, तो जात-पात से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज ये विवाद नहीं थमा, तो “हिंदू-हिंदू ही आपस में लड़ जाएगा, फिर किसी और को कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
‘भगवान की कथा करने का अधिकार सबको है’
धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी याद दिलाया कि ईश्वर की भक्ति और कथा करने का अधिकार किसी एक जाति का नहीं है। उन्होंने कहा, “गुरुनानक, मीरा, रैदास और कबीरदास जैसे महान संतों ने भी राम और कृष्ण की भक्ति की। कभी किसी ने यह सवाल नहीं उठाया कि वे कौन हैं। उन्होंने कहा, “अगर कोई रामकथा कर रहा है, तो उसमें जाति नहीं देखनी चाहिए, भावना देखनी चाहिए।”