Diljit Dosanjh Show in Indore : दिलजीत दोसांझ के कंसर्ट के खिलाफ प्रदर्शन, हिंदू संगठनों ने किया कलेक्टर कार्यालय का घेराव, पूर्व मंत्री ने कहा- ‘उत्पात बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा’

Diljit Dosanjh Show in Indore : इंदौर में इस रविवार को आयोजित होने वाले दिलजीत दोसांझ के कंसर्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। आज विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर कंसर्ट के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि इस कंसर्ट के दौरान खुलेआम शराब परोसी जाएगी और मांस की बिक्री होगी, जिससे हिंदू संस्कृति और परंपराओं का अपमान होगा।

विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने कलेक्टर से मांग की है कि इस कंसर्ट को तत्काल रद्द किया जाए। उनका कहना है कि कंसर्ट के आयोजकों द्वारा किए जा रहे प्रबंधों से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। प्रशासन ने इस मामले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, लेकिन स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात कही है।

इसके साथ ही, इस कंसर्ट के समर्थन और विरोध में जनता के बीच भी मतभेद उभर रहे हैं। कंसर्ट के आयोजकों ने इसे एक मनोरंजन कार्यक्रम बताया है और इसे शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने का आश्वासन दिया है।

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इंदौर में इस रविवार को होने वाले दिलजीत दोसांझ के कंसर्ट की अनुमति रद्द करने की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इस आयोजन में शराब परोसी जाएगी और मांस की बिक्री होगी, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की कि इस आयोजन की अनुमति तुरंत रद्द की जाए।

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

इस पर कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि कार्यक्रम के सभी कार्य शासकीय नियमों और कानूनों के तहत ही संपन्न किए जाएंगे। प्रशासन ने यह भी कहा कि आयोजन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी रखी जाएगी। हालांकि, कंसर्ट को लेकर विवाद और प्रदर्शन जारी रहने की संभावना है।

दिलजीत दोसांझ के इंदौर में आयोजित होने वाले कंसर्ट को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कंसर्ट के आयोजन पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा,

“इंदौर की धरती मालवा की तपोभूमि है। यहां राष्ट्रद्रोही गतिविधियों और संस्कृति विरोधी कार्यक्रमों के लिए कोई जगह नहीं है। अहिल्या माता की नगरी में इस तरह के कारोबार को अनुमति देना हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ है। हमें ऐसे आयोजनों का हमेशा विरोध करना चाहिए।”

ऊषा ठाकुर ने आगे कहा कि भारत को 2047 तक भारतीय संस्कृति और सभ्यता से पूर्ण राष्ट्र बनाना है। उन्होंने याद दिलाया कि संगठन ने पहले भी नाइट कल्चर बंद करवाने के लिए कदम उठाए थे और अब भी संस्कृति के खिलाफ होने वाले आयोजनों का विरोध जारी रहेगा। पूर्व मंत्री के इस बयान से विवाद और बढ़ने की संभावना है, जबकि प्रशासन ने कंसर्ट को शासकीय नियमों के तहत आयोजित करने का आश्वासन दिया है।