मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में ऑनलाइन धोखाधड़ी के एक नए और शातिर तरीके ने दस्तक दी है, जिसके बाद जिला पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। जालसाज अब वरिष्ठ अधिकारियों, जैसे कलेक्टर या पुलिस अधीक्षक (SP), की तस्वीर का इस्तेमाल कर उनके अधीनस्थों और परिचितों को निशाना बना रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए डिंडौरी के पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने एक विस्तृत एडवाइजरी जारी कर लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
पुलिस के अनुसार, यह एक राष्ट्रव्यापी समस्या बनती जा रही है, जिसमें साइबर अपराधी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना मुख्य निशाना बना रहे हैं। वे अधिकारी की सोशल मीडिया प्रोफाइल से उनकी तस्वीर चुराते हैं और फिर एक नए मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर उस तस्वीर को अपनी प्रोफाइल पिक्चर (DP) के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
ऐसे दिया जाता है ठगी को अंजाम
साइबर अपराधियों का काम करने का तरीका बेहद योजनाबद्ध होता है। वे सबसे पहले किसी वरिष्ठ अधिकारी की तस्वीर और उनके संपर्क में रहने वाले लोगों की जानकारी जुटाते हैं। इसके बाद, वे उस अधिकारी के अधीनस्थों या जानकारों को व्हाट्सएप पर संदेश भेजते हैं।
संदेश में वे खुद को वही अधिकारी बताते हुए किसी जरूरी मीटिंग में फंसे होने या किसी आपातकालीन स्थिति का हवाला देते हैं। बातचीत के दौरान वे विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं और फिर अचानक किसी बहाने से पैसे की मांग करते हैं। यह मांग सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने या फिर Amazon जैसे प्लेटफॉर्म के गिफ्ट वाउचर खरीदकर भेजने के रूप में होती है। कई बार वे ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) जैसी संवेदनशील जानकारी भी मांग सकते हैं।
पुलिस अधीक्षक ने की यह अपील
पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने जिले के सभी सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों से इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए खास सावधानियां बरतने को कहा है। पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरी में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:
सत्यापन जरूरी: यदि किसी अनजान नंबर से किसी अधिकारी या परिचित की तस्वीर लगाकर संदेश आता है, तो तुरंत उस पर विश्वास न करें। संबंधित व्यक्ति को उनके आधिकारिक या व्यक्तिगत नंबर पर फोन कर इसकी पुष्टि करें।
कोई वित्तीय लेन-देन नहीं: व्हाट्सएप या किसी अन्य मैसेजिंग ऐप पर मिले संदेश के आधार पर किसी भी खाते में पैसे ट्रांसफर न करें और न ही कोई गिफ्ट वाउचर खरीदें।
जानकारी साझा न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपना ओटीपी, बैंक खाता विवरण, पासवर्ड या कोई अन्य व्यक्तिगत जानकारी कतई साझा न करें।
तत्काल शिकायत करें: यदि आपके साथ ऐसा कोई प्रयास होता है, तो घबराएं नहीं। इसकी सूचना तत्काल अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या जिले के साइबर सेल को दें। स्क्रीनशॉट लेकर रखें ताकि जांच में मदद मिल सके।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कोई भी अधिकारी इस तरह से व्हाट्सएप पर पैसे की मांग नहीं करता है। यह साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को ठगने की एक चाल है। जागरूकता ही इससे बचने का सबसे कारगर उपाय है।