मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए गए ई-अटेंडेंस सिस्टम को लेकर विरोध तेज हो गया है। खासतौर पर अतिथि शिक्षक इस व्यवस्था के खिलाफ खुलकर नाराज़गी जता रहे हैं। उनका कहना है कि यह सिस्टम उनके लिए परेशानी बढ़ाने वाला है। वहीं, कुछ नियमित शिक्षक भी इस नई व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं। बढ़ते विरोध को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अब ई-अटेंडेंस सिस्टम की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
22 सितंबर को अहम बैठक होगी
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस मुद्दे पर 22 सितंबर को महत्वपूर्ण बैठक बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में ई-अटेंडेंस सिस्टम के साथ-साथ अतिथि शिक्षकों से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों—जैसे मानदेय, जॉइनिंग प्रक्रिया और कोर्ट में लंबित मामलों—की भी समीक्षा की जाएगी।
रिपोर्ट के आधार पर होगा फैसला
विभाग ने स्पष्ट किया है कि अंतिम निर्णय जिला और संभाग स्तर पर अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा। इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, नोडल प्राचार्य और संयुक्त संचालक से फीडबैक लिया जाएगा। इस रिपोर्ट से पता लगाया जाएगा कि वास्तव में ई-अटेंडेंस सिस्टम कितना कारगर है और शिक्षकों को इसमें किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं।
मानदेय और कोर्ट केस भी एजेंडे में
बैठक में सिर्फ ई-अटेंडेंस ही नहीं बल्कि अतिथि शिक्षकों के जुलाई और अगस्त माह का लंबित मानदेय भी एक बड़ा मुद्दा होगा। इसके अलावा उनके नियमितिकरण से जुड़े कोर्ट केसों की भी समीक्षा की जाएगी। यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि बीते दिनों राजधानी में अतिथि शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन कर अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा था।
कुल मिलाकर, ई-अटेंडेंस सिस्टम को लेकर जारी
विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। आने वाली बैठक से यह साफ होगा कि शिक्षा विभाग इस व्यवस्था को बरकरार रखेगा, उसमें बदलाव करेगा या फिर अतिथि शिक्षकों की मांग मानते हुए इसे स्थगित कर देगा।