अतुल शर्मा,आगर मालवा। एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व विधायक प्रतिनिधि अंकुश भटनागर ने बताया कि पुराने हॉस्पिटल परिसर में लगाए गए दिव्यांगजन कैम्प में दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।दो दिन के शिविर में विभाग द्वारा 80 से अधिक व्यक्तियों को चिंहित किया गया था जो कि दिव्यांगजन थे जिनको उपकरण मिलने थे सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी भी दिव्यांगजनो को सूचना नही दी गई और न ही बताया गया कि क्या क्या दस्तावेज लाना है जिन व्यक्तियों का नाम सूची में था और वो शिविर में पहुँचे तो उन्हें चिकित्सा प्रमाण पत्र नही होने की वजह से उपकरण नही दिए गए जबकि विभाग द्वारा ही सूची में उनका चयन किया गया था
विभाग द्वारा 80 से अधिक लोगो को चिंहित कर उपकरण वितरण करना थे तो उन्हें पूर्व में सूचना क्यों नही दी गई जब दिव्यांगजन वह परेशान हो रहे थे तो एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व विधायक प्रतिनिधि अंकुश भटनागर से संपर्क किया तो तत्काल शिविर में पहुँचे तो सामाजिक न्याय विभाग के नीलेश व राजू अहिरवार से चर्चा की गई तो उनके द्वारा दिव्यांगजन को अपशब्द का उपयोग किया गया
जिला प्रशासन द्वारा दिव्यांगजनो को उपकरण वितरण का शिविर लगाया गया था तो फिर वहा स्वास्थ्य विभाग का चिकित्सक कैम्प क्यों नही गया गया कैम्प में दिव्यांग परीक्षण के लिए डॉक्टर मौजूद होते तो दिव्यांगजन को उपकरण तत्काल मिल जाते सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी के रुके व्यवहार से दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।।
4 घंटे तक खड़े रखा लेकिन उपकरण नही दिया
जिले के नलखेड़ा,सुसनेर,सोयत व आगर विधानसभा क्षेत्र के गांवों से आए दिव्यांगजनो को 4 घंटे शिविर में खड़े रखा पर दिव्यांग प्रमाण पत्र नही होने के चलते नही दिया गया उपकरण विभाग के अधिकारी घुमाते रहे दिव्यांगजनो को पूरे शिविर में खाली कुर्सी और टेंट रहा जिन दिव्यांगजनो को खबर आज लगी व्व आए तो उनके चिकित्सा प्रमाण पत्र नही होने से लौटा दिया गया।। दूरदराज से आए दिव्यांगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पहले ही दिव्यांगों की लाचारी से पीड़ित परिजन इस शिविर की अव्यवस्था से लाचार दिखे और जाते जाते सिर्फ यही कहा कि जब व्यवस्था ही नही थी तो बुलाया क्यों।।
मैं करवा देता भोजन की व्यवस्था अंकुश भटनागर
शिविर में दिव्यांगजनो के लिए भोजन की भी कोई व्यवस्था नही की गई थी सुबह से शाम तक दिव्यांगों को लेकर भटक रहे परिजन व दिव्यांग सिर्फ नाम मात्र का नाश्ता दिया गया। दिव्यांगों के भोजन के लिए 100-200 पैकेट की व्यवस्था न करने वाले प्रशासन ने इस जिम्मेदारी के लिए शहर की सामाजिक संस्थाओं और न ही जनप्रतिनिधियो से भी सम्पर्क नही किया । अव्यवस्था की भेंट चढ़े शिविर में तैनात अधिकारी के लिए भोजन के पैकेट की व्यवस्था की गई लेकिन जमीन पर घसीटते हुए अपनी लाचारी का प्रमाण पत्र व दिव्यांगजन उपकरण लेने पहुंचे दिव्यांगों को सिर्फ नाम मात्र के नास्ते के सहारे छोड़ दिया गया।।
कार्यवाही,पुनः शिविर लगाने व व्यवस्था सुधार की जिला प्रशासन से मांग
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व विधायक प्रतिनिधि अंकुश भटनागर ने जिला कलेक्टर महोदय से सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी पर तत्काल कार्यवाही की मांग की है जिस से आगे से क्षेत्र के दिव्यांगजन को परेशानी का सामना नही करना पड़े व सूची में बचे हुए व अन्य दिव्यांगजन जिनको लाभ नही मिला उनके लिए विशेष शिविर लगाकर प्रमाण पत्र व उपकरण का वितरण किया जावे।।
सामाजिक न्याय विभाग द्वारा चिंहित सूची काफी समय पुरानी
जिस सूची को सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांगजन को चिंहित किया गया उन्ही दिव्यांगजनो को चिकित्सा प्रमाण पत्र नही होना बताकर उपकरण नही दिए गए और जो बिना सूची के नाम वाले दिव्यांगजनो को भी चिकित्सा प्रमाण पत्र के नाम पर उपकरण नही दिए गए जब चिकित्सा प्रमाण पत्र आवश्यक था तो पूर्व में कोई सूचना क्यों नही दी गई या फिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सको को परीक्षण के लिए वह क्यों नही बुलाया गया खुद की सूची पर ही प्रश्न चिन्ह लगाते मिले अधिकारी।