स्वतंत्र समय, दमोह
कलेक्ट्रेट कार्यालय से लगे हुए जिला पंचायत कार्यालय में लोकायुक्त द्वारा जिला ऑडिट ऑफिस में 4 हजार रुपए की रिश्वत ( bribe ) लेते हुए ऑडिटर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ठीक उसी समय राज्य सरकार के दो मंत्री, सांसद, विधायक और आयोग के अध्यक्ष सहित जिला पंचायत के अध्यक्ष सहित जिले के विकास कार्यों व शासन की अन्य योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
रिपोर्ट देने के नाम पर मांग रहे थे bribe
इस रिपोर्ट को देने के लिए जिलाधकारी द्वारा प्रत्येक पंचायत के 2 हजार रुपए के मान से रिश्वत ( bribe ) की मांग की जा रही थी। बीएसए मनोज पुत्र नारायण पटेल निवासी अभाना द्वारा पंचायत में किए गए ऑडिट के एवज में जिला समन्वयक हरचरण वर्मा उर्फ हर चरण सेन को जिला पंचायत कार्यालय में ही गुरुवार दोपहर 4 हजार रुपए की रिश्वत दी गई। जिस पर लोकायुक्त में की गई शिकायत के आधार पर लोकायुक्त टीम ने तत्काल ही रंगे हाथों उसे पकड़ लिया। इस कार्यवाही में प्रधान आरक्षक महेश हजारी, आरक्षक विक्रम सिह, सुरेंद्र सिंह, आशुतोष यास,अरविंद नायक आदि की भूमिका रही। जब जिपं दमोह में लोकायुक्त द्वारा रिश्वतखोर को पकडऩे की कार्यवाही की जा रही थी। उसी दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी एवं लखन पटेल सहित सांसद राहुल सिह लोधी, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता पटेल एवं कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर मौजूद थे। दूसरी तरफ जिपं में पंचायत के ऑडिट करने वाले अधिकारी को लोकायुक्त ने ट्रैप कर रिश्वत लेते हुए पकड़ा।