पीनल पाटीदार, स्वतंत्र समय
हमारे सबसे बड़े और खास त्योहार दीपावली ( Diwali ) की जगमग बिखरना शुरू हो गई। दीपोत्सव की यह जगमगाहट अब केवल हमारे देश तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी खुशी और चमक दुनिया के एक दर्जन से ज्यादा देशों तक पहुंच चुकी है। पड़ोसी मित्र देश नेपाल तो पूरे पांच दिन दीपावली की चमक-धमक में डूबा रहता ही है, चीन, ब्रिटेन, इंग्लैंड, मॉरीशस सहित कई और देश भी हैं जहां चरम पर पहुंच जाता है दीपावली का उल्लास। वह भी पूरी परंपराओं और मान्यताओं के साथ, बस तरीका है अलग-अलग।
भारत का प्रकाश पर्व यानी Diwali पूरी दुनिया में फैला
दीपावली ( Diwali ) की जितनी तैयारियां भारत के घर- बाजार में चल रही हैं, उतना ही उत्साह नेपाल, मलेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका, जापान, अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और यूके जैसे कई देशों में भी बनने लगा है। यहां भी लोग दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाते हैं। हर देश में इसे मनाने का तरीका अलग होता है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश की विजय, अच्छाई की जीत और सुख-समृद्धि का आगमन ही होता है। यानी भारत का प्रकाश पर्व अब सिर्फ भारत या हिंदू धर्म तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसकी चमक और धमक को दुनिया भर में फैल रही है। विभिन्न देशों में इसकी पहचान भी सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव के रूप में बन चुकी है। इन देशों में रहने वाले भारतीयों के साथ स्थानीय लोग भी इसे सहर्ष मनाते हैं। सामाजिक और आपसी सौहार्द्र बढ़ाने वाला दिन भी लोग इसे दुनिया भर में मानने लगे हैं।
लंदन का सबसे बड़ा आयोजन
लंदन में दिवाली का उत्सव बहुत ही भव्य और आकर्षक तरीके से मनाया जाता है। यह सिर्फ भारतीय समुदाय तक ही सीमित नहीं है बल्कि, मूल निवासी भी इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। भारत के बाद इंग्लैंड, विशेष रूप से लंदन और लेस्टर, दिवाली के सबसे बड़े समारोहों के लिए जाने जाते हैं। दिवाली के अवसर पर लंदन की प्रमुख जगहों को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। ट्राफलगर स्क्वायर में हर साल दिवाली का बड़ा आयोजन होता है, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, डांस, म्यूजिक और भारतीय खाने के स्टॉल लगते हैं। लेस्टर शहर में भी दिवाली का उत्सव खास होता है, वहां हिंदू, जैन और सिख समुदाय बड़े हर्षोल्लास के साथ इसे मनाते हैं। यहां लोग पार्कों व मुख्य सड़कों पर एकत्र होकर आतिशबाजी करते हैं, जिससे पूरा शहर जगमगा उठता है।
चीन में चंद्र नववर्ष
चीन में दिवाली का पर्व, स्थानीय भाषा में चंद्र नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इसकी तैयारी कई दिनों पहले से शुरू हो चुकी है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, वे मानते हैं कि सफाई से बुरी ऊर्जा को बाहर निकाला जा सकता है। घरों के बाहर लाल कागज से बनी मानव आकृतियों को चिपकाया या लटकाया जाता है। घर भी रंगीन कागजों से सजाए जाते हैं। इस सजावट का मुख्य उद्देश्य बुराई से बचना और वर्षभर अनिष्ट की आशंका को दूर करना होता है। लाल रंग को शुभ माना जाता है और इस प्रकार की सजावट से सकारात्मकता और समृद्धि की कामना की जाती है।
अमेरिका में पूजा और धूमधाम
अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोग दिवाली बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन विभिन्न भारतीय मंदिरों में लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष पूजा होती है। साथ ही भारतीय नृत्य, संगीत और नाटक होते हैंं। इनमें भारतीय पारंपरिक परिधान पहनकर लोग भाग लेते हैं और मिलजुल कर इस पर्व का आनंद लेते हैं और पटाखे भी फोड़ते हैं।
थाईलैंड में क्रियोंध
थाईलैंड में दिवाली को ‘क्रियोंध’ के नाम से मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग केले के पत्तों से दीपक बनाकर उसमें मोमबत्ती और फूल सजाते हैं। रात को ये दीपक नदी में प्रवाहित किए जाते हैं, जिससे एक मनमोहक दृश्य बनता है। यह परंपरा थाईलैंड में दिवाली के त्योहार को विशेष रूप से खूबसूरत बनाती है। लोग इसे अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति की कामना के साथ मनाते हैं।
नेपाल में तिहार है दिवाली
हमारे पड़ोसी देश नेपाल में दिवाली को ‘तिहार’ के नाम से मनाया जाता है, जो पाँच दिन चलने वाला विशेष पर्व है। हर दिन एक अलग देवता या प्रतीक को समर्पित होता है। नेपाल में तिहार का यह त्योहार रंग-बिरंगी सजावट और धार्मिकता से भरपूर होता है, जो समाज में पशु प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है।
पांच दिन ऐसे मनता है तिहार…
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काक दिवस: इस दिन कौओं को भोजन अर्पित किया जाता है, जो संदेशवाहक माने जाते हैं और उन्हें सम्मान दिया जाता है।
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श्वान दिवस : इस दिन कुत्तों की पूजा की जाती है। कुत्तों के माथे पर तिलक लगाकर माला पहनाई जाती है, और उन्हें भोजन कराया जाता है। यह कुत्तों के प्रति आभार जताने का दिन है।
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प्रकाश का दिन: तीसरे दिन हमारे समान प्रकाश उत्सव मनाया जाता है, जिसमें लक्ष्मी पूजन, आतिशबाजी और दीपमाला की जाती है।
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यम पूजा : इस दिन यमराज की पूजा की जाती है, जिससे यम का आशीर्वाद प्राप्त हो और दीर्घायु मिले।
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भाई दूज : यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों के लंबी उम्र की कामना करती हैं।
इंग्लैंड में गार्ड फास्स डे
इंग्लैंड में ‘गार्ड फास्स डे’ दिवाली की तरह ही मनाया जाता है। घरों को रोशनी से सजाकर लोग खूब पटाखे जलाते हैं और चंदन की लकडिय़ां जलाकर धूमधाम से इस उत्सव को मनाते हैं। चंदन की जलती लकडिय़ों की परिक्रमा करते हुए युवक-युवतियां नृत्य करते हैं। दिवाली की तरह यह भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
मॉरीशस में फूलों से सजती हैं सड़कें
मॉरीशस में दिवाली का त्योहार भारत की तरह ही बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं और अपने घरों को विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों, जैसे रंगोली से सजाते हैं। रास्तों को फूलों से सजाया जाता है।
बर्मा में राष्ट्रीय उत्सव
म्यांमार (बर्मा) में दिवाली को एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है,जो स्थानीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पर्व पर लोग भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जैसे कि भारत में होती है। लोग नए कपड़े पहनते हैं, नाचते और गाते हैं। रात के समय दीपों की पक्तियां सजाई जाती हैं। खूब आतिशबाजी भी होती है, जिससे उत्सव का माहौल और भी जीवंत हो जाता है।