डीके शिवकुमार : कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों ‘कुर्सी’ यानी मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा जोरों पर है। कोई चाहता है कि डीके शिवकुमार सीएम बनें, तो कोई सिद्धारमैया को ही बने रहने देना चाहता है। हालांकि दोनों नेता इस पर खुलकर कुछ नहीं कहते और कहते हैं कि उनके बीच कोई विवाद नहीं है। लेकिन हाल ही में एक कार्यक्रम में डिप्टी सीएम शिवकुमार ने कहा, “कुर्सी ढूंढना मुश्किल है, लेकिन जब मिल जाए तो उस पर ऐसे बैठो कि फिर उठना न पड़े।” उनके इस बयान से अटकलें फिर शुरू हो गई हैं कि क्या कर्नाटक में सीएम बदल सकते हैं।
शिवकुमार के संकेतों में छिपा बड़ा राजनीतिक संकेत
शुक्रवार को डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार बैंगलोर बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित केम्पेगौड़ा जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए। वहां वकीलों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कई कुर्सियां खाली थीं, फिर भी लोग खड़े थे। उन्होंने कहा, “हम सब एक कुर्सी पाने की कोशिश में लगे रहते हैं। जब कुर्सी मिले, तो उस पर बैठ जाना चाहिए, उसे खाली नहीं छोड़ना चाहिए।” उन्होंने वकीलों को देखकर कहा कि आप सभी त्याग और बलिदान की मिसाल हैं।
क्या सबकुछ वाकई ठीक है? सियासी गलियारों में फिर चर्चा तेज
कांग्रेस में सत्ता साझा करने की बातों के बीच डीके शिवकुमार के हालिया बयान से नई अटकलें शुरू हो गई हैं। हालांकि सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार दोनों किसी बदलाव से इनकार करते रहे हैं। सिद्धारमैया ने हाल ही में कहा कि वह अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और उनके और शिवकुमार के बीच सत्ता साझा करने को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है।
शिवकुमार की सीएम पद की चाहत को सिद्धारमैया ने माना
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि डीके शिवकुमार भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है। लेकिन शिवकुमार खुद कह चुके हैं कि सीएम की कुर्सी अभी खाली नहीं है। सिद्धारमैया ने कहा कि वे पूरा कार्यकाल मुख्यमंत्री रहेंगे और 2028 के चुनाव में भी पार्टी का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे और शिवकुमार, दोनों ही हाईकमान के फैसलों को मानने के लिए तैयार हैं।