बारिश का मौसम जहां ठंडी हवाओं और सुकून देने वाले माहौल के लिए जाना जाता है, वहीं यह मौसम कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी साथ लेकर आता है। खासकर वायरल बुखार, डेंगू और टाइफाइड जैसी बीमारियां इस समय बहुत तेजी से फैलती हैं।
इसकी मुख्य वजह होती है वातावरण में बढ़ती नमी, जगह-जगह जमा पानी और खाद्य पदार्थों की साफ-सफाई में लापरवाही। इस मौसम में वायरल संक्रमण और मच्छर जनित रोग आम हो जाते हैं, जिनमें बुखार तो सामान्य लक्षण होता है, लेकिन हर बीमारी की पहचान और इलाज का तरीका अलग होता है।
वायरल फीवर
मानसून के दौरान वायरल फीवर सबसे सामान्य लेकिन कष्टदायक बीमारी है। इसमें हल्का या तेज बुखार, गले में खराश, नाक बंद या बहना, शरीर में दर्द और थकावट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में सिरदर्द और हल्की खांसी भी हो सकती है। वायरल फीवर आमतौर पर 3 से 5 दिनों में खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है, लेकिन इस दौरान पर्याप्त आराम, गर्म पेय पदार्थ और डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाओं का सेवन जरूरी होता है।
डेंगू
डेंगू एक वायरल बीमारी है जो खासकर बरसात के मौसम में तेजी से फैलती है। इसका कारण होता है पानी का जमा होना, जो मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में तेज पीड़ा, शरीर पर चकत्ते और उल्टी शामिल हैं। इस बीमारी में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरती है, जिससे शरीर में कमजोरी और रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। समय पर जांच और अस्पताल में निगरानी आवश्यक है, ताकि जटिलताओं से बचा जा सके।
टाइफाइड
टाइफाइड एक बैक्टीरियल बीमारी है जो प्रदूषित जल या भोजन के सेवन से होती है। इसमें बुखार धीरे-धीरे चढ़ता है और लंबे समय तक बना रहता है। इसके अन्य लक्षणों में भूख में कमी, पेट में दर्द, अपच, थकान, दस्त या कब्ज और सिरदर्द शामिल होते हैं। इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा किया जाता है, जो केवल डॉक्टर की सलाह से ही लेनी चाहिए। स्व-उपचार से बचना और पूरा कोर्स करना बेहद जरूरी होता है।
बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है
मानसून के इस संवेदनशील मौसम में स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। स्वच्छता बनाए रखना, उबला या फिल्टर्ड पानी पीना, खुले या कटे फलों से परहेज़ करना आवश्यक है। मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, रिपेलेंट क्रीम और पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें। साथ ही, अपने घर और आस-पास पानी जमा न होने दें ताकि मच्छरों को पनपने का मौका न मिले।
यदि किसी को बुखार होता है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें। क्योंकि तीनों बीमारियों में बुखार एक सामान्य लक्षण जरूर है, लेकिन उनके इलाज और गंभीरता में काफी फर्क होता है। समय रहते सही जांच और उपचार से इन मौसमी बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।