राहु की छाया में न करें तिलक, भाई दूज के लिए ये हैं शुभ घड़ियां

दीपावली के ठीक दो दिन बाद मनाया जाने वाला भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व भाई दूज इस वर्ष 23 अक्टूबर को पूरे देश में श्रद्धा और परंपरा के साथ मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों को आमंत्रित कर तिलक करती हैं, भोजन कराती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई दूज को यम द्वितीया, भाऊ बीज और भाई द्वितीया जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है।

लेकिन इस साल का भाई दूज कुछ खास सावधानी की मांग कर रहा है, क्योंकि राहु काल का असर इस शुभ दिन पर भी पड़ने वाला है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि राहु काल में तिलक करना अशुभ माना जाता है, इसलिए तिलक के लिए सही मुहूर्त जानना बेहद ज़रूरी है।

राहु काल में न करें तिलक

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार भाई दूज के दिन राहु काल दोपहर 1:30 बजे से 2:54 बजे तक रहेगा। इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य, विशेषकर भाई को तिलक करने से बचना चाहिए। पंडितों का कहना है कि राहु काल में किया गया कार्य बाधाओं से ग्रस्त हो सकता है।

भाई दूज तिलक के लिए 4 शुभ मुहूर्त

इस भाई दूज पर तिलक के लिए कुल चार शुभ समय उपलब्ध हैं, जिनमें आप अपने भाई को तिलक कर सकती हैं:

  • अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:43 से 12:28 बजे तक
  • दोपहर मुहूर्त – 1:13 से 3:28 बजे तक
  • विजय मुहूर्त – 1:58 से 2:43 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त – शाम 5:43 से 6:09 बजे तक

सबसे उत्तम तिलक मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, 23 अक्टूबर को दोपहर 1:11 बजे से 3:28 बजे तक का समय भाई को तिलक करने के लिए सबसे उत्तम और शुभ माना गया है। इस दौरान बहनें भाई को तिलक कर नारियल भेंट करें और पारंपरिक भोजन कराएं।

भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इसके साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार देकर उसके प्रेम और समर्पण का सम्मान करता है। मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमी से मिलने गए थे, और तभी से यह पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक बन गया।