के.पी यादव का नाम शिलापट्टिका से नदारद,प्रोटोकॉल के उल्लंघन के संबंध में गुना कलेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी, कहा ये मेरा नही जनता का अपमान
प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर गुना के क्षेत्रीय सांसद डॉ केपी यादव की नाराजगी एक बार फिर सामने आई है।
गुना – 2019 में लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव हराने वाले डॉ के.पी यादव का नाम शिलापट्टिका व अन्य कार्यक्रमों से गायब होना कोई नई बात नहीं है ,इससे पूर्व भी कई बार सांसद के.पी यादव का नाम शिला पट्टिका से गायब होने काफी चर्चाओं में रही है। जहाँ विकास यात्रा के दौरान किए जा रहे विकास कार्यों के भूमि पूजन के दौरान प्रोटोकॉल का निरंतर उल्लंघन किया जा रहा है। मकरोदा से सिमरोद के सड़क निर्माण के भूमि पूजन में शिला पट्टिका से सांसद के.पी यादव का नाम नदारद पाया गया। बार-बार होने वाले प्रोटोकॉल के उलंघन से नाराज क्षेत्रीय सांसद के.पी यादव द्वारा गुना कलेक्टर को 15 फरवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
आखिर एक ही गलती बार-बार दोहराई जा रही है ?
इसे क्या माने मानवीय भूल या फिर सोची समझी साजिश ?
सांसद के.पी यादव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि मुख्यमंत्री महोदय म.प्र शासन द्वारा दिए गये निर्देशानुसार विकास यात्रा के दौरान किए जा रहे विकास कार्यों के भूमि पूजन/उद्यघाटन मे प्रोटोकॉल के निरंतर उलंघन किया जाता रहा है। मेरे द्वारा विकास यात्रा के पूर्व मेरी अनुपस्थिति में सांसद प्रतिनिधियों को अतिथियों के रूप में बुलाए जाने के निर्देश दिए गये थे, जिसके उपरांत भी किसी भी सांसद प्रतिनिधि को अतिथि के रूप में विकास यात्रा में आमांत्रित नहीं किया गया।
दिनांक 15/02/2023 को मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग संभाग गुना योजना मद अंतर्गत ग्राम मकरौदा से सिमरौद सड़क निर्माण के भूमि पूजन में स्थानीय सांसद का शिलान्यास पट्टीका पर नाम ही प्रदर्शित नहीं किया गया। जिसकी सूचना मेरे प्रतिनिधि सचिन शर्मा द्वारा दी गई और छाया चित्र उपलब्ध कराया गया है, जिससे प्रदर्शित होता है कि अधिकारियों द्वारा अपनी मनमानी कर जनप्रतिनिधियों का मखौल उड़ाया जा रहा है।
इस प्रकार माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन के बार-बार निर्देश देने के उपरांत भी प्रोटोकॉल का निरंतर उलंघन हो रहा है। इसी को लेकर सांसद के.पी यादव द्वारा गुना कलेक्टर को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिसमें 03 दिवस के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के साथ ही संबंधित अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करने की बात कही गई है। जिससे कि भविष्य में ऐसी भूल सामने न आये ।