डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ने मचाया हाहाकार, 50% तक महंगे हो सकते हैं iPhone

डोनाल्ड ट्रंप के ताजे टैरिफ फैसले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है, और अब इसके दूरगामी असर का अहसास हो रहा है। अमेरिका ने एशिया के कई देशों, जिनमें भारत और चीन प्रमुख हैं, पर भारी टैरिफ लगा दिए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा असर भारत और चीन पर पड़ेगा, जिससे Apple जैसे बड़े टेक ब्रांड्स को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

टैरिफ का असर: आईफोन हो सकते हैं महंगे

अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत और चीन पर 34 प्रतिशत तक के टैरिफ लगाए हैं। खासकर चीन, जहां Apple के ज्यादातर iPhones बनते हैं, इस फैसले से iPhone की कीमतें काफी बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस नए टैरिफ का असर iPhone पर सीधे पड़ेगा और अगला iPhone मैकबुक से भी 50% ज्यादा महंगा हो सकता है।

iPhone के उत्पादन पर चीन का दबदबा

टैरिफ लागू होने के बाद Apple के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि उसके अधिकांश iPhones का उत्पादन चीन में होता है। हालांकि, Apple ने भारत और वियतनाम जैसे देशों में भी उत्पादन बढ़ाया है, फिर भी चीन का प्रभुत्व कम नहीं हुआ है। मार्च 2024 में Apple ने चीन और भारत से 5 प्लेन भरकर iPhone और अन्य उत्पाद अमेरिका भेजे थे, लेकिन इसका असर फिलहाल कीमतों पर नजर नहीं आया। हालांकि, आने वाले महीनों में यह बदलाव स्पष्ट रूप से देखने को मिल सकता है।

टैरिफ से Apple पर पड़ सकता है भारी असर

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर Apple को टैरिफ में कोई छूट नहीं मिलती है, तो इसका सीधा असर उसकी लागत और मुनाफे पर पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप द्वारा लगाए गए 54% तक के टैरिफ से Apple का उत्पादन महंगा हो जाएगा और कंपनी के मुनाफे पर लगभग 9% तक का असर हो सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और महंगाई का असर ग्राहक पर

इस फैसले का सबसे बड़ा असर आम ग्राहकों पर होगा। जिनके लिए आईफोन पहले ही महंगे थे, अब यह और भी महंगा हो जाएगा। ग्राहकों की जेब से ही इस महंगाई का खामियाजा लिया जाएगा, क्योंकि कंपनियों को उत्पादन और आयात पर बढ़े हुए टैरिफ का भुगतान करना पड़ेगा।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और भविष्य की अनिश्चितता

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी दबाव बढ़ सकता है। ट्रंप के टैरिफ के बाद, न केवल Apple, बल्कि अन्य कंपनियों के उत्पादों की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। यह भविष्य में उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का कारण बनेगा, जिससे उनके खर्चे बढ़ेंगे।