“परिपूर्ण” जीवनसाथी की तलाश में न रहें- शादी को अवसर माने, बाधा नहीं

Online Matrimonial Meet-अभा श्वेताम्बर जैन महिला संघ द्वारा 75 महिला संघ को ” उच्च शिक्षित एवं प्रोफेशनल को सगाई संबंध करने में आ रही अड़चनें एवं उसका समाधान खोजने के लिए टास्क दिया गया। इस कार्यक्रम को आयोजित करने पर पुरस्कार मुख्य अतिथि वीरेन्द्र कुमार जैन एवं पारस जैन ने देते हुए कहा कि शादी को परियोजना या रेज्युम की तरह ट्रीट न करें,यह एक जीवनसाथी चुनने की बात है। जीवनसाथी एक सहकर्मी ही नहीं अपितु विवाह करने के पश्चात भी उच्च शिक्षा के साथ करियर बनाने में मददगार हो सकता है।
ऑनलाइन मैट्रिमोनियल मीट है सॉल्यूशन
महिला संघ द्वारा आयोजित ऑनलाइन मैट्रिमोनियल मीट एक बेहतरीन सॉल्यूशन है। जिसमें समय और पैसे की बचत के साथ-साथ जीवनसाथी को समझने और चुनने का भी बेहतरीन अवसर मिलता है। इसकी शुरूआत अध्यक्ष विजया अजय जैन ने की। इस आयोजन में प्रथम पाँच पुरस्कारों की घोषणा संस्थापक अध्यक्ष रेखा जैन द्वारा की गई। इसमें विजेता रहे अनूपनगर महिला संघ, सिलिकॉन सिटी महिला संघ, नवग्रह महिला संघ,  सुदामानगर महिला संघ और अजीतनाथ महिला संघ शामिल रहे। यहां अतिथियों का स्वागत सचिव वंदना जैन, पूजा जैन, सुशीला बेताला ने किया।
शादी को बनाए करियर का अवसर
इस आनलाइन मीटिंग में आडियो-विडियो टास्क पर चर्चा के लिए प्रमुख बातें बताई गई। इसके साथ ही  कुछ लोगों के लिए करियर, पदोन्नति, विदेश जाना या उच्च शिक्षा को प्राथमिकता देना इतना महत्वपूर्ण होता है कि वे विवाह को एक बाधा के रूप में देखने लगते हैं। इस कारण वे विवाह को टालते रहते हैं या उसकी आवश्यकता ही महसूस नहीं करते। लेकिन हर युवा को अपनी एक उम्र में विवाह कर लेना चाहिए। विवाह को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए ना कि एक बाधा के रूप में देखें।

“परिपूर्ण” जीवनसाथी की तलाश में न रहें
आपके लिए जीवनसाथी में क्या अधिक महत्वपूर्ण है — शिक्षा, सोच, संस्कार या केवल डिग्री? इसके साथ ही हर युवा को यह बात अपने मन और दिमाग में बैठा लेना चाहिए की “परिपूर्ण” जीवनसाथी की तलाश में न रहें, बल्कि “सार्थक” रिश्ता बनाने पर ध्यान दें। क्योकि कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता एक व्यक्ति में यदि आप सब योग्यता चाहते है तो वह संभव नहीं होती।

तर्क और भावना का संतुलन रखें
रिश्ता केवल लॉजिक पर आधारित न हो, उसमें भावनाएँ, मूल्यों और आपसी आकर्षण को भी स्थान दें।अनुकूलता को केवल डिग्री, वेतन या भाषा से न तौलें। ऐसी ही कई जीवन उपयोगी बातों पर संघ के सदस्यों ने ध्यानाकृषण कराया और जीवन की कई वास्तविकताओं से रूबरू कराया। इस कार्यक्रम का आभार सुशीला बेताला ने व्यक्त किया। इस कार्यकर्म का संचालन पूजा जैन ने किया ।