आई बसें तो आई नहीं, अब Double Decker Bus की तैयारी

विपिन नीमा, इंदौर

टेंपो से मेट्रो तक… अब इंदौर मैजिक से डबल डेकर ( Double Decker ) बस की और। वैसे तो पूरे प्रदेश में सबसे बेस्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम इंदौर में है। यहां पर शहरवासियों की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बस से लेकर ई बाइक तक की फैसिलिटी है। परिवहन व्यवस्था के अन्तर्गत वर्तमान में इंदौर में लगभग एक दर्जन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का उपयोग शहरवासी कर रहा है।

सुविधायुक्त वाहन Double Decker की एंट्री

शहर में इस सिस्टम में शामिल होने के लिए एक ऐसे सुविधायुक्त वाहन की एंट्री हो रही है, शहर को एक नई पहचान देगा। आई बस और सिटी बसों का संचालन करने वाली एआईसीटीएसएल (अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड) शहर में डबल डेकर ( Double Decker ) बस सुविधा की योजना बना रहा है। डबल डेकर बस प्रोजेक्ट को लेकर बोर्ड की बैठक में चर्चा हो चुकी है। कागजों से बाहर लाने के लिए जल्द ही इस प्रोजेक्ट को लाने के लिए अधिकारियों ने प्रारंभिक तौर पर काम शुरू कर दिया है। पहले सर्वे किया जाएगा की डबल डेकर बस के लिए कौन कौन से रुट्स उपयुक्त है जहां पर डबल डेकर बसे आसानी से आ जा सके।

सर्वे के लिए मुम्बई से विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा

शहर की जनता के लिए मुम्बई की लाइफ लाइन कही जाने वाली डबल डेकर बस के रूप में एक और नई परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए अफसरों की बोर्ड बैठक में लगातार चर्चा होती आ रही है। अफसरों का कहना है की डबल डेकर बस को इंदौर की सडक़ों पर उतारने से शहरवासियों को एक नई सौगात मिलेगी। इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। हांलाकि अभी यह प्रोजेक्ट प्रारम्भिक स्टेज पर है। आईसीटएसएलएल से जुड़े अधिकारियों के अनुसार इंदौर मप्र का पहला ऐसा शहर होगा जहां पर डबल डेकर बस का संचालन होगा। उन्होंने बताया की जिस तरह से शहर में सिटी बसों के संचालन से पहले 7 माह तक शहर का सर्वे किया गया था उसी प्रकार डबल डेकर बस के लिए भी इसी तरह का सर्वे किया जाएगा। सर्वे के लिए मुम्बई से विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा।

बिजली के तार हाइट पर होना चाहिए

मुम्बई में अधिकारियो ने डीजल वाली और इलेक्ट्रिक डबल डेकर दोनों बसों का अवलोकन किया था। डबल डेकर बसें उन्ही उन्हें मार्गो पर चलाए जा सकता है, जो लंबे और चौड़े होने के साथ बिजली के तार हाइट पर हो। यह बसे हैं सकते मार्गों पर चलने लायक नहीं है। इन बसों का संचालन उन्हीं मार्गो पर हो सकता है, जो बड़े और चौड़े मार्ग है और बिजली और ट्रैफिक सिग्नल के तार, केबल लाइन हाइट पर होना चाहिए, क्योंकि डबल डेकर बसों की काफी ऊँची रहती है।

एक समय टेम्पो ने मचा रखी थी धूम

लगभग 40 लाख आबादी वाला इंदौर शहर जिस रफ्तार से बढ़ता और फैलता जा रहा है, उसको देखते हुए व्यवस्थाओं में भी लगातार इजाफा होता जा रहा। एक समय ऐसा था जब इंदौर के लोगों के लिए सस्ती परिवहन सुविधा के रूप में केवल टेंपो और रोडवेज की बसे थी। 16 सीटर वाले टेंपो पूरे शहर में दौड़ते थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बदलता गया, व्यवस्थाएं भी बदलती गई। आज इंदौर टेंपो से बाहर निकाल कर मेट्रो तक पहुंच गया है।

अभी तय नहीं हुआ है डबल डेकर बस का मॉडल

वर्तमान में शहर की सडक़ों पर सिटी बस, आई बस और इलेक्ट्रिक बसे दौड़ रही है। आगामी दो साल के भीतर इंदौर में भी डबल डेकर बस चलना प्रारम्भ हो जाएगी। हालांकि अभी बस का मॉडल तय नहीं हुआ है। इस बस सेवा का संचालन भी अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड यानी एआईसीटीएसएल करेगा। हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में डबल डेकर बस चलाने पर चर्चा हुई थी। बैठक के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अफसरों को इस योजना पर काम करने के निर्देश दिए थे।

वर्तमान में ये है पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रमुख साधन…

  • सिटी बस
  • आई बस
  • इलेक्ट्रिक बस
  • ई-रिक्शा
  • ऑटो रिक्शा
  • ई-साइकिल
  • ई-बाइक
  • ऑटो-रिक्शा (सीएनजी चलित)
  • सिटी वैन (मारुति ओमनी या टाटा मैजिक)
  • नगरसेवा
  • कैब सेवाएं
  • मेट्रो टैक्सी, स्टार कैब
  • निजी ट्रैवल एजेंसी द्वारा किराये पर वाहन