कृषकों की समस्या को लेकर सौंपा ज्ञापन सिंचाई विभाग की मनमानी के कारण किसानों को रबी की फसल की बुवाई में सीजन पर होती है पानी की किल्लत

आमला: ग्राम पंचायत ससुंद्रा देवठान के कृषकों को रबी की फसल की बुवाई में सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण मार्च से अप्रैल के महीने में फसल को पानी देने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर आज ग्राम पंचायत ससुंद्रा देवठान के कृषक ने जिला कलेक्टर बैतूल के नाम तहसीलदार आमला के माध्यम से जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष छन्नू बेले के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया

ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम पंचायत ससुंदरा में शासन द्वारा डेम का निर्माण किया गया है जिससे ससुंदरा देवठान एवंअन्य ग्राम के किसान सिंचाई करते हैं महा नवंबर से अप्रैल तक रबी की फसल की सिंचाई की जाती है लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण डेम का पानी महा नवंबर से लगातार दिन-रात छोड़ा जाता है जिसके कारण व्यर्थ पानी बर्बाद होता है महा फरवरी-मार्च अप्रैल में कृषकों को पानी नहीं मिल पाता है वही शासन द्वारा उक्त डैम में मछुआरों को मछली पालन का ठेका दिया गया है |

मछुआरों द्वारा फरवरी-मार्च अप्रैल में ससुंदरा देवठान के कृषकों की मोटर केबल और पाइप को नुकसान पहुंचाने का कार्य मछुआरों द्वारा किया जाता है कई बार मछुआरों की महिलाओं द्वारा कृषकों की की झूठी शिकायत थाने में की जाती है|

जिसको लेकर आज समस्त किसान तहसील कार्यालय और थाना पहुंचे एवं ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांग रखी गई ज्ञापन में बताया गया कि यदि सिंचाई विभाग द्वारा पानी समय पर छोड़ा जाए तथा समय पर नहर बंद कर दी जाए तो मार्च-अप्रैल में किसानों को रबी की फसल की बुवाई में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा शासन प्रशासन से मांग की गई है कि शीघ्र ही समस्या का निराकरण करें अन्यथा संगठन को बाध्य होकर आंदोलन करना पड़ेगा जिसकी जवाबदारी सिंचाई विभाग की होगी |

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष छन्नू बेलेससुंदरा सेक्टर अध्यक्ष मंचित माथनकर मंडलम अध्यक्ष गोलू देशमुख पिछड़ा वर्ग उपाध्यक्ष कन्हैया साहू धर्मेंद्र धाकड़ अनिल रहडवे विजय नरवरे अमरचंद धाकड़ सोलंकी चंदू सोलंकी बाबूराव खंडागरे मुन्ना रहड़वे माधवराव पोटफोड़े भूपेंद्र पोटफोड़े उमेश राजेश उमेश नरवरे गुलकुश नरवरे संजय रामकिशोर धाकड़ सुभाष पोटफोड़े रामू लोखंडे सहित अनेक कृषक उपस्थित थे