सहायिका की लापरवाही से आंगनवाड़ी आए दिन रहती है बंद सहायिका को बनना है कार्यकर्ता|

वार्ड क्रमांक 16 की आंगनवाड़ी क्रमांक 28 की आंगनवाड़ी आए दिन बंद दिखाई देती है आंगनवाड़ी खुलने के समय पर रहती है बंद सहायिका नहीं देती ध्यान, कार्यकर्ता का पद है खाली सहायिका को बनना है आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता.

शाहरुख बाबा/हरदा – महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी संजय त्रिपाठी को शिकायत की थी की आंगनवाड़ी सहायिका आंगनवाड़ी पर नहीं देती ध्यान वार्ड क्रमांक 16 की आंगनवाड़ी 28 क्रमांक जोकि पानी की टंकी के पास शासकीय भवन में संचालित है आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का पद खाली रहने से सहायिका द्वारा समय पर नहीं खोली जाती आंगनवाड़ी ना तो कभी बच्चे दिखाई देते हैं ना ही खुद सहायिका, सहायिका को ही बनना है उसी आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता जो अपनी ही आंगनवाड़ी में ध्यान नहीं देती हो वहां अधिकारियों से लगा रही है.

प्रमोशन की गुहार दरअसल नियम के अनुसार जो महिला पात्र रहती है उसी का प्रमोशन किया जाता है पर अभी तक आंगनवाड़ी क्रमांक 28 में कार्यकर्ता की नियुक्ति नहीं की गई है नियुक्ति के लिए महिला बाल विकास अधिकारी संजय त्रिपाठी एवं हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग को आवेदन दे चुके है आवेदन करता इसके बाद भी अभी तक उस आंगनवाड़ी मैं कार्यकर्ता का पद खाली है क्या बिना सूचना के सहायिका का प्रमोशन कर दिया जाएगा या फिर जो महिला जो पात्र है उसी को कार्यकर्ता बनाया जाएगा, सवाल यह भी खड़े होते हैं कि जो आंगनवाड़ी की सहायिका है वह आंगनवाड़ी पर ध्यान नहीं देती है तो क्या उसी को कार्यकर्ता बना दिया जाएगा

पहले भी सुपरवाइजर रेखा गोर को इस बात की सूचना दे चुके हैं कि आंगनवाड़ी की सहायिका द्वारा बड़ी लापरवाही के चलते आए दिन आंगनवाड़ी बंद दिखाई देती है सुपरवाइजर द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, महिला बाल विकास विभाग के नियम द्वारा हर सहायिका और कार्यकर्ता को नियमानुसार आंगनवाड़ी में ड्रेस पहन कर जाना होता है पर यहां पर तो कोई अलग ही बात है कभी भी आंगनवाड़ी 28 की सहायिका को कभी भी आंगनवाड़ी ड्रेस में नहीं देखा गया वह अपनी मनमानी से आंगनवाड़ी खुलती है और बंद करती है सुपरवाइजर को शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया