चुनाव प्रचार में Kangana Ranaut से ज्यादा उनके कपड़ों की हो रही चर्चा

स्वतंत्र समय, शिमला

हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा सीट की देशभर में चर्चा है। यहां से बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रही हैं। अहम बात यह कि कंगना रनौत प्रचार के दौरान अपने ट्रेडिशनल लुक को लेकर चर्चा में हैं। विरोध और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह भी कंगना के बार बार ड्रेसेज बदलने को लेकर उन्हें टारगेट कर रहे हैं। दरअसल, कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जाहू के भांबला की रहने वाली हैं। मंडी में चुनाव प्रचार के दौरान कंगना रनौत ने साड़ी और सूट ही ज्यातार रैलियों और सभाओं के दौरान पहना। क्यों मंडी में अधिकतर महिलाएं सूट ही पहनती हैं।

जब Kangana Ranaut पारपंरिक पोशाक लुआंचड़ी डोरा में नजर आई

कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) जब कुल्लू दौरे पर गई और मनाली और कुल्लू के आसपास प्रचार किया तो वो कुल्लवी पोशाक में नजर आईं। यहां पर उन्होंने पट्टू और डाटू के साथ पारंपरिक कुल्लवी परिधान पहने थे, ताकि लोगों से कल्चरली कनेक्ट किया जा सके। कंगना ने कुल्लू के बाद चंबा के भरमौर का दौरा किया था। यहां पर उन्होंने शाम चौरासी मंदिर में भी माथा टेका था। इस दौरान कंगना चंबा की पारपंरिक पोशाक लुआंचड़ी डोरा में नजर आई थी। इस ड्रेस को लोगों ने खूब पसंद किया था और सोशल मीडिया पर भी फोटो वायरल हुई थी। मंडी लोकसभा सीट में किन्नौर जिला भी पड़ता है। यहां भी कंगना ने प्रचार किया था और किन्नौरी शॉल और ड्रेस पहनकर वह जनसभा में पहुंची थी। कंगना ने यहां पर किन्नौरी ड्रेस पहनने का एक वीडियो भी शेयर किया था।

Kangana Ranaut पर विक्रमादित्य ने साधा निशाना

किन्नौर के बाद कंगना ( Kangana Ranaut ) ने शिमला के रामपुर में चुनाव प्रचार किया और यहां पर प्रसिद्ध भीमाकाली मंदिर में माथा टेका और साथ ही एक जनसभा की थी। इस जनसभा में कंगना ढाटू, सूट और बास्केट पहनकर पहुंची थी और इस ड्रेस में वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं। यह परिधान शिमला का पारंपरिक परिधान है। कंगना रनौत के बार-बार अलग अलग ड्रेस में नजर आने पर विक्रमादित्य सिंह ने निशाना साधा है। विक्रमादित्य सिंह कहते है कि ऐसा लगता है कि जैसे किसी फिल्म की शूटिंग चल रही है। भरमौर में गुरुवार को प्रचार के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हमें बीजेपी और खासकर, उस प्रत्याशी से, जो आजकल अलग-अलग वेशभूषा में घूमती है, उससे हिन्दुत्व का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग जगहों की अलग-अलग बोली, परिधान और खानपान और कल्चर है।