इंदौर में बैठक के दौरान कैलाश विजयवर्गीय का सख्त रुख, अफसरों को चेताया, मुख्यमंत्री के सामने सिर्फ जमीनी हकीकत रखें

इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक अहम बैठक के दौरान माहौल उस वक्त चर्चा में आ गया, जब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को खुले तौर पर कड़ी नसीहत दे दी। बैठक शुरू होने से पहले ही उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में, लेकिन तीखे शब्दों के साथ अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए। विजयवर्गीय ने कहा कि अब तक अधिकारी मुख्यमंत्री के नाम का सहारा लेकर काम टालते या दबाव बनाते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री के सामने सिर्फ वही दस्तावेज और प्रेजेंटेशन रखें जाएं, जो वास्तव में जमीन पर हो रहे काम को दर्शाते हों।

दो साल पूरे होने पर सीएम की मीडिया से बातचीत का जिक्र

दरअसल, सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में एक पत्रकार वार्ता की थी। इस दौरान जब उनसे इंदौर के प्रभारी मंत्री को लेकर सवाल किया गया, तो मुख्यमंत्री ने बेहद सादगी भरे अंदाज में कहा था कि वे प्रभारी मंत्री नहीं हैं, बल्कि जो जिला खाली रह गया था, उसे उन्होंने अपने पास रखा है। मुख्यमंत्री के इसी बयान को लेकर रविवार को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक से पहले हल्के अंदाज में चुटकी ली और अफसरों के सामने इस विषय को उठाया।

कागजों और हकीकत के फर्क पर कसा तंज

बैठक के दौरान विजयवर्गीय ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि दो साल से वे सब कुछ देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी कागजों में कुछ और दिखाते हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। मुख्यमंत्री के सम्मान कार्यक्रम को लेकर भी उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सम्मान तभी पूरा माना जाएगा, जब फोटो भी खिंचवाए जाएंगे। हालांकि, उनका लहजा गंभीर कम और व्यंग्यात्मक ज्यादा रहा, जिससे माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण नहीं हुआ।

मेट्रो अधिकारियों को लेकर सख्त रुख

मंत्री विजयवर्गीय यहीं नहीं रुके। उन्होंने मेट्रो से जुड़े अधिकारियों को भी साफ शब्दों में चेताया कि मुख्यमंत्री के सामने वही प्रेजेंटेशन रखा जाए, जो पहले उन्हें दिखाया गया था। उन्होंने कहा कि अगर दस्तावेजों में अंतर पाया गया, तो वे खुद मुख्यमंत्री के सामने इसकी शिकायत करेंगे। इस पर संबंधित अधिकारी ने तुरंत स्पष्ट किया कि प्रस्तुत किया गया प्रेजेंटेशन वही है, जो पहले भी दिखाया जा चुका है।

अफसरों से नाराजगी, लेकिन माहौल रहा हल्का

इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ झलकता है कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अधिकारियों की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि, बैठक के दौरान उन्होंने अपनी बात मजाकिया और हल्के अंदाज में रखने की कोशिश की, ताकि संदेश भी चला जाए और माहौल भी ज्यादा गंभीर न हो। वहीं मुख्यमंत्री और अन्य मौजूद लोगों ने भी इसे सामान्य बातचीत के तौर पर लिया। कुल मिलाकर बैठक में सख्ती और हास्य का मिला-जुला रंग देखने को मिला।