नवरात्रि के साथ ही मां की आराधना की जाएगी। जिसके चलते मां के भक्त उपवास करते है। मां के भक्त अलग-अलग तरह से आराधना करने के साथ ही अपने नियमों के तहत ही फलाहार करते है। लेकिन पोष्टिक फलाहार ना होने पर भी कभी बार चैत्र नवरात्रि में भक्तो की स्थिति बिगड़ जाती है क्योकि चैत्र नवरात्रि में गर्मी भी दस्तक दे देती है जिससे शरीर में पोषक तत्वों और एनर्जी की अत्यधिक आवश्यकता होती है। जिससें मां कि आराधना भी छोड़नी पड़ती है इसलिए अब मां की आराधना के साथ फलाहार भी करें
उपवास में फलाहार का महत्व
उपवास में फलाहार का विशेष महत्व है। उपवास के दौरान जब हम सामान्य भोजन से बचते हैं, तो फलाहार एक स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर विकल्प होता है। फलाहार न केवल हमारे शरीर को आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करता है, बल्कि यह पाचन तंत्र को भी आराम देता है। उपवास में फल खाने से शरीर को सही प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर मिलता है, जो सेहत के लिए लाभकारी होते हैं।
फलाहार के फायदे भी भक्तों को है मिलते
- पोषण की कमी को पूरा करना: फल विटामिन C, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- पाचन क्रिया को बेहतर बनाना: फल, विशेषकर फल जैसे केले, सेब, और अंगूर, पाचन तंत्र को आराम देने में मदद करते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करते हैं।
- वजन नियंत्रण: फल में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे यह वजन नियंत्रण में मदद करता है।
- विटामिन और मिनरल्स की आपूर्ति: उपवास के दौरान फलाहार से शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं, जैसे कि पोटैशियम, आयरन, और मैग्नीशियम।
- ऊर्जा का स्रोत: फल आसानी से पचने वाले होते हैं और शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करते हैं, जो उपवास के दौरान जरूरी होता है।
ये है सात्विक आहार
- फल – आप सेब, केला, नारंगी, अमरुद, पपीता, पाइनएप्पल, तरबूज आदि खा सकते हैं। ये न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।
- साबूदाना – साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना वड़ा, या साबूदाना पुलाव बना सकते हैं। इसमें उच्च मात्रा में स्टार्च होता है, जो आपको ऊर्जा प्रदान करता है।
- सिंघाड़े का आटा – आप सिंघाड़े के आटे से बनीं पूरियां, पराठे या हलवा खा सकते हैं। ये भी नवरात्रि के दौरान खाए जाने वाले लोकप्रिय व्यंजन हैं।
- राजगीरे का आटा – राजगीरे से बनी रोटियां या पराठे खाए जा सकते हैं। ये भी बहुत पौष्टिक होते हैं और नवरात्रि में उपवास के लिए उपयुक्त होते हैं।
- कुट्टू का आटा – कुट्टू का आटा भी नवरात्रि में खाया जा सकता है। इससे बनीं कुट्टू की पूरी, कुट्टू के आटे का हलवा, या कुट्टू के आटे के चीले खा सकते हैं।
- दही – दही को भी नवरात्रि के दौरान खा सकते हैं। दही को आप शहद या फल डालकर भी खा सकते हैं।
- मिश्रित नट्स और ड्राई फ्रूट्स – अखरोट, बादाम, काजू, पिस्ता, किशमिश आदि को भी फलाहार में शामिल कर सकते हैं। ये ऊर्जा देने वाले होते हैं और शरीर को ठंडक भी प्रदान करते हैं।
- आलू – आलू से बनी आलू की चाट, आलू की टिक्की, आलू की चिल्लियां या आलू का पराठा नवरात्रि में खाए जा सकते हैं। ये पेट को भरने के लिए अच्छे होते हैं।
इनके अलावा, ताजे फलों के रस या नींबू पानी का भी सेवन कर सकते हैं। नवरात्रि में इन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हुए सात्विक आहार पर ध्यान देना चाहिए।