“ऑपरेशन सिंदूर” की गूंज—भारत ने दहशत के अड्डों पर बिजली की तरह बरपाया कहर

आज सुबह दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार सेना ने इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की। प्रेस मंच पर मौजूद थीं भारत की दो तेजतर्रार अधिकारी—कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। उनके साथ विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी पत्रकारों को संबोधित किया।

आतंक के अड्डों पर बिजली की रफ्तार
एक सुनियोजित और निर्णायक पलटवार में भारत ने मंगलवार रात “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके के भीतर फैले आतंक के अड्डों पर बिजली की रफ्तार से हमला कर उन्हें चकनाचूर कर दिया। इस ऐतिहासिक अभियान में सेना ने उन ठिकानों को निशाना बनाया, जो वर्षों से भारत के निर्दोष नागरिकों के खिलाफ साजिशें रचने की फैक्ट्री बने हुए थे—मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, कोटली, गुलपुर, और सियालकोट जैसे दुर्गम इलाकों में आतंक की रीढ़ तोड़ दी गई।  इस महा-संयुक्त ऑपरेशन में थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने एकजुट होकर आतंक के गढ़ों को ध्वस्त कर दिया। जिन जगहों को निशाना बनाया गया, वे कुख्यात आतंकी सरगनाओं हाफिज सईद और मसूद अजहर के प्रशिक्षण शिविर थे।

भारत का जवाब कर देंगा आतंकियों को  ‘ध्वस्त ’

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत उन दिल दहला देने वाले दृश्यों से हुई, जो भारत पर हुए कायराना हमलों—संसद हमला, मुंबई हमला, पुलवामा हमला और हालिया पहलगाम नरसंहार—के वीडियो फुटेज के ज़रिए दिखाए गए। हर दृश्य देश के दिल में फिर से आग लगा गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भावनात्मक और तीखे शब्दों में कहा, “22 अप्रैल को पहलगाम की वादियों में घुसे लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित आतंकियों ने जो किया, वह इंसानियत के नाम पर कलंक है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह हमला कश्मीर की बहाल होती शांति और पर्यटन को खत्म करने की साजिश थी। पिछले साल जहां पौने एक करोड़ पर्यटक कश्मीर की ओर खिंचे थे, वहीं इस साल पाकिस्तान ने डर बनाने  का काम किया। लेकिन भारत ने उसका जवाब ‘ध्वस्त कर देने’ की शैली में दिया।