भोपाल: 110 करोड़ के फर्जी लोन मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, नारायण निर्यात और 14 कंपनियों पर शिकंजा

Bhopal News : प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भोपाल यूनिट ने बैंकिंग धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में सख्त कदम उठाया है। एजेंसी ने नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके डायरेक्टर कैलाश चंद्र गर्ग और 14 अन्य कंपनियों व व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) दर्ज की है।
यह कार्रवाई 110 करोड़ रुपये के फर्जी लोन घोटाले से जुड़ी है, जिसमें यूको बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को चूना लगाया गया था।
यह शिकायत पीएमएलए (PMLA) 2002 के तहत इंदौर स्थित विशेष पीएमएलए अदालत में दायर की गई है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 5 दिसंबर को इस पर संज्ञान भी ले लिया है।
फर्जी निर्यात के नाम पर करोड़ों का खेल
ED की जांच में यह बात सामने आई है कि नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने यूको बैंक और अन्य बैंकों के समूह से करीब 110.50 करोड़ रुपये का लोन लिया था। यह लोन ‘लेटर्स ऑफ क्रेडिट’ (LC) और ‘एक्सपोर्ट पैकिंग क्रेडिट’ (EPC) जैसी सुविधाओं के तहत हासिल किया गया था। कंपनी ने दावा किया था कि इस रकम का इस्तेमाल व्यापार और निर्यात गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
हालाकि, जांच में यह दावा पूरी तरह झूठा साबित हुआ। न तो कोई वास्तविक सामान खरीदा गया और न ही किसी तरह का निर्यात किया गया। यह पूरा मामला कागजों पर ही रचा गया था।
ऐसे घुमाया गया बैंकों का पैसा
जांच एजेंसी के मुताबिक, लोन की रकम को अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड की विभिन्न ग्रुप कंपनियों के जरिए एक खाते से दूसरे खाते में घुमाया गया। इसका मकसद फर्जी व्यावसायिक गतिविधियों का दिखावा करना था, ताकि बैंक और जांच एजेंसियां भ्रमित रहें।
असल में, इस पैसे का उपयोग व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट लाभ के लिए किया गया। आरोपियों ने इस रकम को डायवर्ट कर अचल संपत्तियों (Real Estate) में निवेश किया और बड़ी मात्रा में नकद निकासी भी की। कंपनियों के एक जटिल नेटवर्क का इस्तेमाल कर मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया।
संपत्तियां जब्त, जांच जारी
इस मामले में ED पहले ही कड़ा रुख अपना चुकी है। एजेंसी ने दो अस्थायी कुर्की आदेश (Provisional Attachment Orders) जारी कर 27.67 करोड़ रुपये मूल्य की 37 अचल संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई अपराध से अर्जित आय (Proceeds of Crime) को वसूलने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
ED ने अपनी यह जांच सीबीआई (CBI), एसी-IV, व्यापम, भोपाल द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई इस मामले में पहले ही संबंधित कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
ED अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में लोन घोटाले से जुड़े और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।