टेंडर घोटाले : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की अलग-अलग टीमों ने पटना, मुजफ्फरपुर, सूरत और पानीपत में छापेमारी की। यह कार्रवाई जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस के करीबी रिशु श्री और उससे जुड़े नेटवर्क के खिलाफ की गई। ईडी ने करीब नौ जगहों पर छापे मारे। जांच में ईडी को कई ऐसे दस्तावेज और सबूत मिले हैं, जिनसे पता चला है कि राज्य सरकार द्वारा जारी कुछ टेंडरों में गड़बड़ी की गई थी। छापेमारी के दौरान कुछ व्यक्तियों, ठेकेदारों और यात्रा एजेंटों से जुड़ी जानकारियां और जरूरी कागज़ात भी जब्त किए गए हैं। जांच अभी जारी है।
ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी रिशु का दखल था
ईडी को जांच में पता चला है कि एक ठेकेदार की कंपनियां बिहार सरकार के जल संसाधन, स्वास्थ्य, शहरी विकास, शिक्षा और ग्रामीण कार्य जैसे विभागों में कई ठेके और उप-ठेके लेती थीं। ईडी की टीम ने पटना के गोला रोड पर एक अधिकारी के ठिकाने पर छापा मारा। आरोप है कि यह अधिकारी रिशु श्री के कहने पर काम करता था और सामान्य प्रशासन विभाग के जरिये छोटे कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग देखता था। ईडी को शक है कि रिशु श्री का नेटवर्क कई जिलों में फैला है और वह अधिकारियों की पोस्टिंग में भी दखल देता था।
अधिकारियों को लंदन-पेरिस जैसे शहरों की यात्रा कराता था
ठेकेदार रिशु श्री ने कई सरकारी अधिकारियों से मिलकर गठजोड़ बनाया था। वह उन्हें अलग-अलग तरह के लालच देता था। ईडी को पता चला है कि रिशु श्री के नेटवर्क से जुड़े अधिकारियों और नेताओं को लंदन-पेरिस जैसे विदेशी शहरों की सैर कराने के लिए ट्रैवल एजेंट की मदद ली जाती थी। ईडी को इससे जुड़े कई दस्तावेज मुजफ्फरपुर में उसके सीए के ठिकाने से भी मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि रिशु श्री की कंपनी ‘श्रीनेस बिल्ड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड’ के जरिए कई भ्रष्ट अधिकारियों के काले धन को सफेद किया गया।