इंदौर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संकल्पना के अनुसार इंदौर जिले में भी जल संरक्षण और संवर्धन के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारंभ किया गया है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह के निर्देशन में अभियान को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर बड़ी संख्या में नदी, तालाब, कुंये/बावड़ी, स्टापडेम सहित अन्य जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार और नवीनीकरण के कार्य हाथ में लिये गये है। बताया गया कि अभियान के तहत इंदौर जिले में इस तरह के कुल 923 कार्य हाथ में लिये गये है। इन कार्यों को कराये जाने के लिए लगभग पौने 8 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि अभियान के अंतर्गत 6 नदी, 75 तालाब, 57 कुयें/बावड़ी, 24 स्टापडेम तथा 244 अन्य जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के कार्य कराये जायेंगे। इसी तरह 118 रेनवॉटर हार्वेस्टिंग के कार्य भी होंगे। इसी तरह 5 तालाब, 14 कुयें/बावड़ी, 21 स्टापडेम तथा 71 अन्य जल संरचनाओं के नवीनीकरण के कार्य कराये भी जायेंगे। इसी तरह 71 रेनवॉटर हार्वेस्टिंग के नवीनीकरण के कार्य भी होंगे। साथ ही 5 नदियों पर बने घाटों और 155 मंदिर तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई के कार्य भी अभियान के तहत कराये जायेंगे। इसके लिए 7 करोड़ 74 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
इंदौर जिले में वर्षाकाल में पौधारोपण की तैयारी की जा रही है। प्रति पंचायत एक हजार पौधों के हिसाब से कुल 3.34 लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक जिले में 3.03 लाख पौधों को रोपित करने के लिये 527 पौधारोपण स्थलों का चयन कर लिया गया है। शेष स्थानों का जल्द ही चयन कर लिया जायेगा। इंदौर जिले में 12 स्थानों पर पहाडियों पर भी पौधारोपण किया जाना प्रस्तावित है। जनपद पंचायत महू के हासलपुर, दुर्जनपुरा, कजलीगढ, सिमरोल एवं जनपद पंचायत सांवेर में हतुनिया की पहाडी पर सघन पौधारोपण किया जायेगा।