महू-खंडवा रेल लाइन पर रेलवे के द्वारा हरियाली बचाने के प्रयास किए जा रहे है। जिसके चलते 17 हजार पेड़ो को बचाने के लिए रास्ता खोजा गया। जिसमें रेलवे ने सुरंग बनाने का निर्णय लिया। जिसके चलते महू-खंडवा रेलवे प्रोजेक्ट में 16 सुरंगें बनाई जाएंगी, जिससे 17 हजार पेड़ बचेंगे।
वन विभाग के 52 हजार पेड़ चिन्हित
गेज परिवर्तन के तहत इंदौर-बड़वाह वनमंडल की 454 हेक्टेयर वनभूमि आएगी, जिसमें एक लाख 52 हजार पेड़ चिह्नित किए गए हैं। जगह-जगह अंडरपास बनाए जाएंगे, जिससे पेड़ों को बचा सकेंगे।
पर्यावरण मुद्दों पर हुई बातचीत
महू-खंडवा रेलवे प्रोजेक्ट शुरू करने को लेकर कवायद तेज हो गई है। भोपाल में रीजनल इंपावरमेंट कमेटी (आरईसी) की बैठक में प्रोजेक्ट से जुड़े पर्यावरण मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें जंगल में बिछाई जाने वाली पटरी और निर्माण कार्यों पर सहमति बनी है। गेज परिवर्तन के तहत इंदौर-बड़वाह वनमंडल की 454 हेक्टेयर वनभूमि आएगी, जिसमें एक लाख 52 हजार पेड़ चिह्नित किए गए हैं। हालांकि 17 हजार पेड़ों को बचाया जा सकेगा, क्योंकि इस पूरे रेल मार्ग पर 20 किमी लंबी 16 सुरंगें बनाई जाएंगी। इस कारण इन पेड़ों को काटा नहीं जाएगा।
राशि जमा करते ही शुरू होगा काम
महू-खंडवा प्रोजेक्ट में इंदौर वनमंडल की 410 हेक्टेयर और बड़वाह वनमंडल की 44 हेक्टेयर वनभूमि इस्तेमाल की जाएगी। रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया कि मार्ग में जगह-जगह अंडरपास बनाए जाएंगे, जिससे पेड़ों को बचाया जा सकें। हालांकि महीनेभर में प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल सकती है। इसके बाद रेलवे को राशि जमा करनी होगी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक अगले कुछ महीनों में प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा
ऐसा रहेगा रेल मार्ग
बड़िया से बेका के बीच 4.1, चोरल से मुख्तियार बलवाड़ा के बीच 2.2 और राजपुर में 1.6 किमी लंबी सुरंग रहेगी। शेष 12.1 किमी की 13 सुरंग बनाई जाएंगी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक सुरंग के अलावा अंडरपास बनाए जाएंगे। ये सभी 30-30 मीटर होंगे। इससे भी काफी संख्या में पेड़ों को कटने से बचाया जा सकेगा।
धार-झाबुआ में लगेंगे पौधे
इंदौर-बड़वाह के जंगलों से कटने वाले पेड़ों की भरपाई की जाएगी, मगर इसके लिए इंदौर वनमंडल में वनक्षेत्र नहीं है। इसके चलते धार और झाबुआ में एक हजार हेक्टेयर में पौधे रोपे जाएंगे। वन अफसरों ने वनभूमि चिह्नित कर ली है। फिलहाल रेलवे भी इसके लिए राजी है।
दक्षिण से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
महू-खंडवा प्रोजेक्ट से इंदौर को काफी फायदा होगा। गेज परिवर्तन होने से दक्षिण की ओर जाने वाली ट्रेन भी इंदौर होकर गुजरेगी। अभी दक्षिण से चलने वाली ट्रेन उज्जैन और खंडवा से डायवर्ट हो जाती है।
150 करोड़ रुपये वन विभाग को रेलवे देगा
वनभूमि के एवज में रेलवे वन विभाग को 40 करोड़ रुपये देगा। साथ ही पौधों की नेट प्रेजेंट वैल्यू भी निकाली गई है। उसके लिए भी 40 करोड़ रुपये देने होंगे। जबकि 1000 हेक्टेयर में पौधे लगाए जाएंगे। इसका खर्च भी रेलवे ही उठाएगा। यह राशि लगभग 50 करोड़ रुपये आएगी।
वहीं पेड़ों को काटने और परिवहन का खर्च भी वन विभाग रेलवे से वसूलेगा, जो चार से पांच करोड़ होगा। वन विभाग के मुताबिक प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद रेलवे को राशि जमा करनी होगी। उसके बाद रेलवे को काम करने की अनुमति दी जाएगी।