भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू, चुनाव आयोग ने की तैयारियों की घोषणा

भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 22 जुलाई, 2025 को राजपत्र अधिसूचना संख्या एस.ओ. 3354(ई) के ज़रिए सार्वजनिक की गई है। उनके त्यागपत्र के बाद यह पद रिक्त हो गया है, और इसके लिए नया चुनाव कराना अनिवार्य हो गया है।

चुनाव आयोग ने संभाली कमान

संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत भारत के चुनाव आयोग को देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी अधिकार के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2025 के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है। यह चुनाव राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के तहत आयोजित किया जाएगा।

पूर्व-चुनावी तैयारियों में जुटा आयोग

निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले मुख्य प्रशासनिक तैयारियों पर काम शुरू कर दिया है। इनमें सबसे पहले निर्वाचक मंडल की अंतिम सूची तैयार की जा रही है। इस सूची में लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित व मनोनीत सदस्य ही मतदान के पात्र होंगे। इसके अलावा, आयोग द्वारा मुख्य रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जारी है, जो चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करेंगे।

चुनाव कार्यक्रम की जल्द होगी घोषणा

भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव का औपचारिक कार्यक्रम (जैसे नामांकन, मतदान और परिणाम की तिथि) जल्द ही चुनाव आयोग द्वारा घोषित किया जाएगा। चुनाव प्रक्रिया के पारदर्शी संचालन के लिए आयोग पूर्व में हुए उपराष्ट्रपति चुनावों की विस्तृत पृष्ठभूमि सामग्री तैयार कर रहा है, ताकि सभी संबंधित अधिकारी, प्रतिनिधि और मीडिया के लिए प्रक्रिया स्पष्ट और सुगम हो सके।

संवैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत हो रहा चुनाव

भारत में उपराष्ट्रपति का पद एक महत्वपूर्ण संवैधानिक जिम्मेदारी से जुड़ा होता है। यह चुनाव एक संवैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत संसद के दोनों सदनों के सदस्यगण द्वारा किया जाता है, न कि आम जनता द्वारा। अतः चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद भारत का राजनीतिक परिदृश्य एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। चुनाव आयोग की सक्रियता और तेज़ी से चल रही तैयारियाँ इस बात की गवाही देती हैं कि जल्द ही भारत को नया उपराष्ट्रपति मिलने वाला है। सभी की निगाहें अब चुनाव आयोग की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं।