Elon Musk की स्टारलिंक को भारत में इंटरनेट सैटेलाइट के संचालन की मंजूरी मिली, अब फर्राटेदार चलेगा नेट

Elon Musk: भारत की डिजिटल क्रांति को एक बड़ी सफलता मिली है। इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) ने आधिकारिक रूप से स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड (SSCPL), नई दिल्ली को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं देने की मंजूरी दे दी है।

यह मंजूरी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स द्वारा संचालित Starlink Gen1 लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन के ज़रिए भारत में इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए दी गई है। यह स्वीकृति पांच वर्षों के लिए वैध होगी, या तब तक जब तक Gen1 कॉन्स्टेलेशन की परिचालन अवधि समाप्त नहीं हो जाती — जो भी पहले हो।

ग्रामीण भारत तक पहुंचेगा हाई-स्पीड इंटरनेट
Starlink की सैटेलाइट सेवा विशेष रूप से भारत के उन दूरदराज़ और ग्रामीण इलाकों को कनेक्टिविटी से जोड़ने में मदद करेगी जहां अभी तक ब्रॉडबैंड या फाइबर नेटवर्क की पहुंच नहीं है। 4,408 सैटेलाइट्स की इस वैश्विक प्रणाली को 540 से 570 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है और यह भारत के लिए लगभग 600 Gbps की उच्च क्षमता वाला डेटा थ्रूपुट देने में सक्षम है।

Starlink की सेवाओं का उपयोग घरों, व्यवसायों, स्कूलों और आपातकालीन सेवाओं के लिए किया जा सकेगा, जिससे शिक्षा, ई-कॉमर्स और नवाचार के नए अवसर खुलेंगे।

नियमों का पालन अनिवार्य
हालांकि Starlink को IN-SPACe से सैद्धांतिक अनुमति मिल चुकी है, लेकिन सेवा शुरू करने से पहले उसे सभी संबंधित सरकारी विभागों से आवश्यक नियामक स्वीकृति, अनुमति और लाइसेंस प्राप्त करने होंगे। IN-SPACe के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि Starlink की सभी गतिविधियों की निगरानी की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और नियामक मानदंडों के अनुरूप हों।

अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा
IN-SPACe की यह मंजूरी भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। इससे सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को गति मिलने की उम्मीद है और देश के दूर-दराज़ हिस्सों तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित होगी।

Starlink की एंट्री को लेकर उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत में कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां ज़मीनी नेटवर्क या फाइबर-आधारित इंटरनेट सीमित या अनुपलब्ध है।