अब समय आ गया है अंग्रेजियत छोड़ने का: Dhankhar

स्वतंत्र समय, भोपाल

दिल्ली के लाल किले पर सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन किया गया। विक्रमादित्य महानाट्य के मंच से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ( Dhankhar ) ने कहा कि भारत लंबे अंतराल के बाद एक नए युग में प्रवेश कर चुका है- आर्थिक प्रगति, वैश्विक सराहना और मजबूत संस्थागत ढांचे के साथ देश अब सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर अग्रसर है।

Dhankhar ने कहा, विक्रमादित्य न्याय और संस्कृति के प्रतीक 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ( Dhankhar ) ने कहा कि दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है जिसकी सांस्कृतिक विरासत 5 हजार साल पुरानी हो। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अपनी जड़ों की ओर लौटें और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से आत्मबोध को सशक्त करें। उन्होंने सम्राट विक्रमादित्य को न्याय और संस्कृति का प्रतीक बताते हुए कहा कि जिस आदर्श शासन की कल्पना उस युग में की गई थी, आज वह आधुनिक भारत की शासन-प्रणाली में मूर्त रूप ले रहा है। धनखड़ ने भारत के संविधान में दर्शाए गए 22 सांस्कृतिक चित्रों का उल्लेख करते हुए कहा, प्रारंभ में गुरुकुल और रामायण जैसे चित्र यह संकेत देते हैं कि शिक्षा, संस्कृति और धर्म भारत के शासन-दर्शन के मूल तत्व रहे हैं।

यह एक क्रांतिकारी बदलाव है

भाषा को लेकर उन्होंने साफ कहा, अब वह समय आ गया है जब हमें अंग्रेजियत को छोड़ देना चाहिए। तकनीकी शिक्षा अब विभिन्न भारतीय भाषाओं में संभव हो चुकी है। यह एक क्रांतिकारी बदलाव है। उपराष्ट्रपति ने बताया कि एक समय था जब अंग्रेजी को केवल क्वालिफाइंग सब्जेक्ट के रूप में रखा गया था, लेकिन 2009 में आई सरकार ने इसे फिर से रैंकिंग सब्जेक्ट बना दिया। उन्होंने इस बदलाव को भारतीय भाषाओं के सम्मान के खिलाफ बताया। अब हर क्षेत्र में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा मिल रहा है। संसद में 22 भाषाओं का उपयोग होता है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इंडियन क्लासिकल लैंग्वेज को विश्व मंच पर प्रतिष्ठा मिल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि लाल किले का यह प्रांगण और कितना सुखद सहयोग है लाल किले की यह इमारत भारत के गौरवशाली अतीत के लिए सीना तान कर दुनिया के सामने खड़ी है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र जिसके कारण से गौरवांवित होता है। भारत माता की यह पवित्र राजधानी है । -इकबाल ने कहा है, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने भारत की मान मर्यादा को बिगाडऩे के लिए लोभ लालच से हमारी संस्कृति को चुनौती दी।
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता बोलीं…
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताते हुए कहा, मैं उनके प्रति धन्यवाद प्रकट करना चाहती हूं, जिन्होंने इतना भव्य आयोजन दिल्ली में किया और दिल्ली वासियों को समृद्ध भारतीय संस्कृति, उज्जैन की गुफाएं और सम्राट विक्रमादित्य जैसे गौरवशाली महानायक को नजदीक से जानने और देखने का अवसर दिया। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- यह केवल एक नाट्य प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारत के उस स्वर्णिम युग का उत्सव है, जिसने न्याय, संस्कृति, विज्ञान और धर्म के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया।