स्वतंत्र समय, भोपाल
राज्य के कर्मचारियों ने मोहन यादव सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए आंदोलन का ऐलान कर दिया है। महंगाई भत्ता/महंगाई राहत, वाहन भत्ता, मकान किराए में वृद्धि की मांगों को लेकर कर्मचारी 9 फरवरी को मंत्रालय के सामने प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन का आव्हान तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने किया है। उधर, मध्य प्रदेश वन कर्मचारी मंच ने भी अल्टीमेटम दे दिया है। मंच ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर महंगाई भत्ता देने की मांग की है। यह अवधि 10 फरवरी को पूरी हो रही है। दोनों संगठनों की मांग एक ही है, इसलिए दोनों संयुक्त रूप से प्रदर्शन कर सकते हैं।
बता दें कि प्रदेश में 7.50 लाख कर्मचारी और 4.50 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता प्रभावी होने के पहले से कर्मचारी महंगाई भत्ता और राहत का इंतजार कर रहे हैं। पड़ोसी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान ही अपने कर्मचारियों को यह लाभ दे चुकी है, पर मध्य प्रदेश में कर्मचारी हर कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ता और राहत देने का निर्णय होने का इंतजार कर रहे हैं। बुधवार को भी कैबिनेट की बैठक थी, कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इसमें सरकार कुछ निर्णय लेगी, पर ऐसा नहीं हुआ। इससे कर्मचारियों का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने आंदोलन का ऐलान कर दिया। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि संघ के प्रदेश अध्यक्ष अतुल मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष एसएस रजक, भोपाल जिला अध्यक्ष मोहन अय्यर, प्रदेश पदाधिकारी मोहम्मद सलीम, एसएल पंजवानी, आशुतोष शुक्ला, जयविंद सोलंकी, अरुण भार्गव, आरिफ अली, दामोदर आर्य, राजकुमार चौरसिया, अवतार सिंह, ओपी सोनी, मोहन सिंह कुशवाहा, संजय लाड़, पारस पीटर आदि नेताओं ने कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों की अनदेखी करने पर रोष व्यक्त किया है। नेताओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से कर्मचारियों की मांगों पर तत्काल निर्णय लेने की अपील की है।
नेताओं ने कहा कि इस महंगाई में कर्मचारियों एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को हितों की रक्षा करना सरकार का पहला दायित्व है। वहीं मप्र वन कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पाण्डेय ने कहा कि दोनों संगठनों की मांग एक ही है, इसलिए हम समर्थन देंगे।