प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जनवरी को महाराष्ट्र के दौरे पर होंगे, जहां वे मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के तीन महत्वपूर्ण युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन युद्धपोतों में शामिल हैं: आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी, और आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करना है, और इन युद्धपोतों के समर्पण से भारतीय नौसेना की शक्ति में वृद्धि होगी।
1. आईएनएस सूरत
आईएनएस सूरत भारतीय नौसेना का सबसे आधुनिक स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। यह युद्धपोत 7,400 टन के डिस्प्लेसमेंट के साथ और 164 मीटर लंबा है। इस पर अत्याधुनिक स्टेल्थ फीचर्स और रडार सिस्टम लगाए गए हैं, जिससे दुश्मन इसे ट्रैक नहीं कर सकते। इसमें कंबाइंड गैस एंड गैस (COGAG) प्रोपल्शन सिस्टम है, जो चार गैस टर्बाइनों से संचालित होता है। इसके अलावा, यह पोत सतह-से-सतह और सतह-से-हवा मिसाइलों, टॉरपीडो और अन्य हथियारों से लैस है। इसकी समुद्री गति 30 नॉट्स (लगभग 56 किमी/घंटा) तक पहुंच सकती है, जो इसे युद्ध में अत्यंत प्रभावी बनाता है।
2. आईएनएस नीलगिरी
आईएनएस नीलगिरी भारतीय नौसेना की प्रोजेक्ट 17ए का पहला स्टेल्थ फ्रिगेट है। यह शिप 6,670 टन वजनी और 149 मीटर लंबा है। इसमें विशेष रडार सिग्नेचर को कम करने वाली डिज़ाइन तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे यह दुश्मन से बचने में सक्षम है। यह ब्लू वॉटर ऑपरेशन के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इसमें सुपरसोनिक सतह-से-सतह मिसाइल, मीडियम रेंज सतह-से-हवा मिसाइल, और रैपिड फायर क्लोज-इन वेपन सिस्टम शामिल हैं। इस शिप में इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) भी है, जो इसकी ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाता है।
3. आईएनएस वाघशीर
आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की स्कॉर्पीन-क्लास सबमरीन है, जो 67 मीटर लंबी और 1,550 टन वजनी है। यह पनडुब्बी दुश्मन के इलाकों में गुप्त रूप से संचालन करने के लिए डिजाइन की गई है। इसमें वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल, और उन्नत सोनार सिस्टम शामिल हैं। वाघशीर में भविष्य में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक जोड़ने की क्षमता है, जो इसे और अधिक सक्षम बनाएगी।
आईएनएस सूरत और आईएनएस नीलगिरी में महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेष आवासीय सुविधाएं प्रदान की गई हैं। यह कदम भारतीय नौसेना में लैंगिक समावेशन को बढ़ावा देने और महिला अधिकारियों की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
भारत की समुद्री सुरक्षा में नई ताकत
इन तीनों युद्धपोतों के भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री सुरक्षा और युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। ये जहाज और पनडुब्बी न केवल पारंपरिक बल्कि आधुनिक समुद्री खतरों से निपटने के लिए तैयार हैं, बल्कि भारत की वैश्विक समुद्री प्रतिष्ठा को भी मजबूत करेंगे।