Energy Minister के भाई देवेन्द्र तोमर पंचतत्व में विलीन

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

ऊर्जा मंत्री ( Energy Minister ) प्रद्युम्न सिंह तोमर के ज्येष्ठ भ्राता देवेन्द्र सिंह तोमर की पार्थिव देह सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। ग्वालियर में पुरानी छावनी अटल द्वार के समीप उनकी अंत्येष्टि की गई। देवेन्द्र सिंह तोमर के सुपुत्र सूर्यप्रताप सिंह तोमर (हितांशु) ने मुखाग्नि दी। केन्द्रीय संचार व पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर एवं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण देवेन्द्र सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल हुए और उनकी पार्थिक देह पर श्रृद्धा-सुमन अर्पित कर श्रृद्धांजलि दी।

Energy Minister के भाई का इलाज के दौरान हुआ था निधन

ऊर्जा मंत्री ( Energy Minister ) प्रद्युम्न सिंह तोमर के ज्येष्ठ भ्राता और ग्वालियर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रह चुके देवेन्द्र सिंह तोमर का गत दिवस भोपाल के चिरायु अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। सोमवार को जैसे ही देवेन्द्र सिंह तोमर की पार्थिव देह जैसे ही शहर में पहुंची, वैसे ही बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण, परिजन, शुभचिंतक व स्नेहीजन कांचमिल स्थित उनके निवास पर पहुंचे और उनकी पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रृद्धांजलि प्रदान की। ग्वालियर के सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में देवेन्द्र सिंह तोमर अपनी सादगी और व्यवहार कुशलता के लिए जाने जाते थे। तोमर अपने पीछे मां और पत्नी के अलावा ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित दो भाई, एक पुत्र, एक विवाहित बेटी एवं दो भतीजे और एक भतीजी के रूप में भरा-पूरा परिवार छोडक़र गए हैं। देवेन्द्र सिंह तोमर की अंतिम यात्रा सोमवार को अपरान्ह लगभग 3.15 बजे उनके निज निवास न्यू कॉलोनी से पाताली हनुमान, हजीरा, चार शहर का नाका मलगढ़ा चौराहा, सिद्ध बाबा की पहाड़ी के सामने से होते हुए पुरानी छावनी, अटल गेट से 2 किलोमीटर अंदर अंत्येष्टि स्थल ग्राम खेरियाभान पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई।
बताया गया है कि देवेन्द्र तोमर के लंग्स में इंफेक्शन बढ़ता जा रहा था। हाल ही में उनको ग्वालियर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां शनिवार रात से लगातार उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। अपोलो के डॉक्टर, ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर के साथ-साथ दिल्ली और हैदराबाद के लंग्स स्पेशलिस्ट भी उनका इलाज कर रहे थे। रविवार को हालत ज्यादा बिगडऩे पर डॉक्टर ने उनको हैदराबाद हॉस्पिटल में भर्ती करने के लिए कहा था। जिसके बाद तत्काल मरीज की नाजुक हालत को देखते हुए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एयर एम्बुलेंस की जरिए पेशेंट को हैदराबाद के लिए ले जाया गया था, लेकिन भोपाल में ही एयर एम्बुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी। चिरायु हॉस्पिटल में देवेन्द्र तोमर ने रविवार रात आखिरी सांस ली हैं। पांच दिन पहले उनको ऊर्जा मंत्री ग्वालियर के अपोलो हॉस्पिटल ले जा रहे थे तो उनकी आखिरी बातचीत हुई थी। तब देवेन्द्र ने छोटे भाई (प्रद्युम्न सिंह तोमर) से कहा था कि मुझे अस्पताल मत ले जाओ, मैं अब लौट कर घर नहीं आऊंगा। यही बात उनकी याद करते-करते ऊर्जा मंत्री भावुक हो रहे हैं।

सीएम ने कहा-भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति

मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन सिंह यादव ने अपने एक्स एकाउंट पर लिखा कि साथी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बड़े भाई देवेंद्र सिंह तोमर के रूप में आज भाजपा ने अपने एक समर्पित कार्यकर्ता को खो दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन जन सेवा के प्रति समर्पित रहा। उनका निधन भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि दिवंगत की पुण्यात्मा को शांति दें। शोकाकुल परिवार को यह वज्रपात सहने की शक्ति प्रदान करें।

पूरा मैनेजमेंट संभालते थे देवेंद्र

देवेंद्र तोमर पार्षद व नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। पहले वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, बाद में ऊर्जा मंत्री के मार्च 2020 में भाजपा से जुड़ जाने के बाद उन्होंने भी कांग्रेस में सभी पद व सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। प्रद्युम्न सिंह तोमर के चुनाव का पूरा प्रबंधन व रणनीति वही बनाते थे।

देवेंद्र थे राजनीति के चाणक्य

पूर्व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र तोमर को स्थानीय राजनीति में चाणक्य कहा जाता है। निगम में नेता प्रतिपक्ष के कार्यकाल के समय उनके सवालों व तर्क से महापौर से लेकर आयुक्त तक बचते थे। नगर निगम में उनकी तूती बोलती थी।

जनता के लिए भाई से भिड़ गए थे

तीन बार के पार्षद व निगम में नेता प्रतिपक्ष चुके देवेंद्र सिंह तोमर ने साल 2016 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर सनसनी फैला दी थी। साल 2016 में तानसेन रोड स्थित अपार्टमेंट के बाहरी हिस्से में निगम द्वारा दुकानों की तोडफ़ोड़ पर विरोध और फिर अदालत में जमानत आवेदन न देने पर उनकी अपने छोटे भाई और उस समय पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर (वर्तमान में ऊर्जा मंत्री) से तकरार हुई थी। इसके बाद पार्टी को इस्तीफा भेज दिया था।