Eng Vs Ind: ओवल टेस्ट के तीसरे दिन एक बार फिर अंपायरिंग विवादों में आ गई, जब श्रीलंकाई अंपायर कुमार धर्मसेना द्वारा भारतीय ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा को गलत तरीके से LBW आउट करार दिया गया। हालांकि जडेजा ने तुरंत DRS का सहारा लिया और बॉल ट्रैकिंग से साफ हो गया कि गेंद ऑफ स्टंप के बाहर लगी थी, जिससे यह निर्णय पलट गया।
लेकिन इस फैसले ने भारतीय प्रशंसकों को खासा नाराज़ कर दिया, जिन्होंने सोशल मीडिया पर धर्मसेना की “एकतरफा अंपायरिंग” की जमकर आलोचना की। फैंस का मानना था कि लगातार ऐसे गलत फैसले टीम इंडिया के लिए मानसिक दबाव बढ़ा रहे हैं।
Eng Vs Ind: पहले भी घिर चुके हैं धर्मसेना
यह पहली बार नहीं है जब धर्मसेना पर पक्षपात का आरोप लगा हो। पहले दिन भी उन्होंने साई सुदर्शन के खिलाफ एक विवादित बयान दिया था कि गेंद उनके पैड पर लगने से पहले अंदरूनी किनारा था, जिससे इंग्लैंड को विकेट नहीं मिला। उस फैसले के बाद भी आलोचना हुई थी कि अंपायरों की ओर से तकनीकी जानकारी सार्वजनिक करना खेल भावना के विपरीत है।
Eng Vs Ind: लॉर्ड्स टेस्ट में भी अंपायरिंग सवालों के घेरे में
यह पूरी श्रृंखला अंपायरिंग मानकों को लेकर विवादों से घिरी रही है। इससे पहले तीसरे टेस्ट में पॉल रीफेल और शरफुद्दौला की अंपायरिंग को लेकर भी सवाल उठे थे, जब भारत चौथी पारी में महज़ 23 रन से मैच हार गया। उस मैच में भी कई विवादास्पद निर्णयों ने मैच की दिशा बदल दी थी।
Eng Vs Ind: यशस्वी-जडेजा की साझेदारी से मिली बढ़त
विवादों के बीच, भारत की पारी में एक सकारात्मक पक्ष रहा यशस्वी जायसवाल की शानदार शतकीय पारी। उन्होंने 118 रन (164 गेंदों में) की पारी खेलते हुए 14 चौके और 2 छक्के लगाए। उनकी आकाशदीप के साथ चौथे विकेट के लिए 107 रनों की साझेदारी ने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को खासा परेशान किया और भारत की दूसरी पारी की बढ़त 280 रन के पार पहुंचा दी।