Eng Vs Ind: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा चरण अब बर्मिंघम के ऐतिहासिक एजबेस्टन मैदान पर 2 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। लेकिन इस मैदान पर भारत का रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है। पिछले 58 सालों में भारत ने यहां एक भी टेस्ट मैच नहीं जीता। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज कप्तानों के नेतृत्व में भी यह मैदान भारत के लिए अभेद्य किला साबित हुआ है। अब नई उम्मीदों के साथ कप्तान शुभमन गिल के कंधों पर इस इतिहास को बदलने की जिम्मेदारी है।
Eng Vs Ind: सीरीज में पिछड़ रही है भारत
हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार के बाद भारत सीरीज में 0-1 से पीछे है। एजबेस्टन में हार भारत को सीरीज में और मुश्किल में डाल सकती है, जबकि जीत से न केवल स्कोर बराबर होगा, बल्कि टीम का मनोबल भी बढ़ेगा। लेकिन गिल और उनकी टीम को न सिर्फ इंग्लैंड की मजबूत चुनौती, बल्कि एजबेस्टन के दशकों पुराने अभिशाप को भी तोड़ना होगा।
एजबेस्टन में भारत का निराशाजनक इतिहास
भारत ने एजबेस्टन में पहला टेस्ट 1967 में खेला था। तब से अब तक खेले गए 8 टेस्ट में भारत को 7 में हार मिली और केवल एक ड्रॉ रहा। 1967 में अपने पहले ही टेस्ट में भारत 92 रन पर ढेर हो गया था—यह इस मैदान पर उसका सबसे कम स्कोर है—और इंग्लैंड ने 132 रन से जीत हासिल की थी। 2011 में भी भारत को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी, जब एलिस्टेयर कुक के 294 रनों की बदौलत इंग्लैंड ने 710/7 का विशाल स्कोर खड़ा किया, जो इस मैदान का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर है। उस मैच में इंग्लैंड ने 242 रन से जीत दर्ज की।