Eng Vs Ind: चौथे टेस्ट में प्लेइंग 11 में नीतीश रेड्डी की जगह कौन ले सकता है? इन नामों की चर्चा

Eng Vs Ind: इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में पिछड़ रही भारतीय टीम के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले से ही ऋषभ पंत, आकाश दीप और अर्शदीप सिंह के चोटिल होने से टीम की संतुलन पर असर पड़ा है, और अब खबर है कि ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी भी चौथे टेस्ट से बाहर हो सकते हैं। ऐसे में मैनचेस्टर टेस्ट (23 जुलाई से) से पहले टीम इंडिया को अपनी प्लेइंग इलेवन में अहम बदलाव करने पड़ सकते हैं।

Eng Vs Ind: नीतीश रेड्डी क्यों हैं अहम?

हालांकि नीतीश रेड्डी ने पहले दो टेस्ट में सिर्फ 45 रन बनाए और तीन विकेट लिए, लेकिन लॉर्ड्स टेस्ट में उन्होंने आखिरकार लय पकड़नी शुरू कर दी थी। उनके ऑलराउंड कौशल के कारण वे टीम में एक संतुलन प्रदान करते थे। उनके बाहर होने से भारत को न केवल एक गेंदबाज बल्कि एक निचले क्रम के बल्लेबाज़ की कमी भी खलेगी।

संभावित विकल्प

1. शार्दुल ठाकुर – अनुभव के साथ वापसी का मौका

शार्दुल एक ‘लाइक-फॉर-लाइक’ विकल्प हो सकते हैं। हालांकि हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में उनका प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा – न गेंद से और न ही बल्ले से – लेकिन उनके पास अनुभव है और वो दबाव के हालात में उपयोगी साबित हो सकते हैं।

2. अंशुल कम्बोज – युवा जोश और फॉर्म में भरोसा

टीम में बैकअप के तौर पर शामिल किए गए अंशुल कम्बोज पिछले एक साल में भारत के सबसे प्रभावशाली घरेलू तेज गेंदबाज़ों में से एक रहे हैं। इंग्लैंड लायंस के खिलाफ इंडिया ‘ए’ के लिए खेलते हुए उन्होंने बल्लेबाज़ी में भी क्षमता दिखाई है। अगर आकाश दीप पूरी तरह से फिट नहीं होते, तो अंशुल के साथ प्रसिद्ध कृष्णा को भी शामिल किया जा सकता है।

3. ध्रुव जुरेल – बल्लेबाज़ी मजबूती का विकल्प

एक अन्य रणनीति हो सकती है कि नीतीश रेड्डी की जगह विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ध्रुव जुरेल को टीम में लाया जाए। इससे भारत की निचली क्रम की बल्लेबाज़ी को मजबूती मिलेगी। यदि ऐसा होता है तो गेंदबाज़ी संयोजन कुछ इस प्रकार हो सकता है: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, अंशुल कम्बोज (डेब्यू), रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर।

4. कुलदीप यादव – आक्रामक विकल्प की खोज

Eng Vs Ind: गंभीर के नेतृत्व में टीम प्रबंधन अब तक बल्लेबाज़ी गहराई को प्राथमिकता देता रहा है, लेकिन मैनचेस्टर टेस्ट में भारत को आक्रामक रवैया अपनाना पड़ सकता है। कुलदीप यादव को शामिल करना, खासकर अगर पिच स्पिन को सहायता दे, एक बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। यदि कुलदीप को लाया जाता है, तो एक तेज़ गेंदबाज़ को कम करके उनकी जगह बन सकती है।