इंजीनियर को 3 दिन digital arrest रखा, इंदौर क्राइम ब्रांच ने छुड़ाया

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर में टीसीएस कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को बदमाशों ने तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट ( digital arrest ) रखा। वे 24 घंटे उसे अपनी निगरानी में रखे रहे। उन्होंने इंजीनियर से उसके तीनों बैंक के स्टेटमेंट मांगे। पैसे नहीं होने पर बोले- किसी दोस्त से उधार लेकर दो। इस पर इंजीनियर ने दो बार इंस्टेंट लोन लेकर उन्हें पैसे ट्रांसफर किए। इधर, इंजीनियर के दोस्त ने इसकी सूचना गुरुवार को एडिशनल डीसीपी (क्राइम) राजेश दंडौतिया को दी। वे सुबह 11 बजे मौके पर पहुंचे। उन्होंने इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट से छुड़ाया। डीसीपी ने बदमाश से बात की, तो उसने स्काइप पर वीडियो कॉल कट कर दिया।

डिजिटल अरेस्ट ( digital arrest ) के एक मामले में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहित मौर्य तीन दिनों से ठगों के जाल में फंसे थे। एडीसीपी अपराध राजेश दंडोतिया खुद टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सीधे ठग से बात करते हुए कहा कि तुम कहा से बोल रहे हो। इस पर ठग ने कहा कि वो दिल्ली में हैं। एडीसीपी ने कहा कि मेरा चेहरा स्क्रीनशॉट में ले लो, मैं तुम्हे दिल्ली, हैदराबाद जहां होगे, वहीं से गिरफ्तार करुंगा।

इधर, होटल के कमरे में मिला digital arrest युवक

विजयनगर थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक इंजीनियर धीरेन्द्र फोन अटेंड नहीं कर रहा है। पुलिस ने उसकी लोकेशन निकाली तो एक वह एक होटल के कमरे में मिला। पुलिस जब वहां पहुंची तो उसने तत्काल फोन छुपा लिया। जब उससे मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई तो युवक ने बताया कि अवैध काम में लिप्त होने की वजह से पुलिस फोन पर उससे पूछताछ कर रही है। इसके बाद विजयनगर पुलिस को समझ में आ गया कि ये डिजिटल अरेस्ट का मामला है। पुलिस ने युवक को समझाया कि वो ठग हैं जो पुलिस बनकर बात कर रहे हैं। मोबाइल लिया तो पता चला कि नंबर दुबई का है। युवक के खाते में 26 लाख रुपये थे, जो ठग उससे लेना चाह रहे थे। इस तरह से पुलिस ने उसे बचा लिया।