पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल के नौ प्रमुख रेलवे स्टेशनों को ग्रीन सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है। इन स्टेशनों को आइएसओ पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस) प्रमाणपत्र दिया गया है, जो यात्रियों को स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल रेल यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए है। यह प्रमाणपत्र पर्यावरणीय गुणवत्ता, स्वच्छता, जल संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रदान किया जाता है।
9 स्टेशनों को मिला आईएसओ
भोपाल, बीना, इटारसी, गंजबासौदा, गुना, नर्मदापुरम, सांची, शिवपुरी और विदिशा जैसे स्टेशन इस प्रमाणन को प्राप्त करने वाले प्रमुख स्टेशनों में शामिल हैं। इन स्टेशनों पर स्वच्छता के उच्च मानक, वैज्ञानिक कचरा निपटान, पुनर्चक्रण, ऊर्जा बचत और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। इन प्रयासों के तहत, स्टेशनों पर कचरे का व्यवस्थित निपटान और जल संरक्षण के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे बिजली की खपत कम हो रही है। इसके अलावा, सौर ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि स्वच्छ और हरित ऊर्जा का अधिकतम लाभ लिया जा सके।
स्वच्छ प्लेटफार्म और शुद्ध पेयजल मिलेगा
भोपाल मंडल के इन स्टेशनों का यह ग्रीन सर्टिफिकेशन यात्रियों को साफ, सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यात्रियों को स्वच्छ प्लेटफार्म, सुरक्षित पेयजल, बेहतर वायु गुणवत्ता और साफ-सुथरे शौचालय जैसी सुविधाएं मिल रही हैं, जो उनकी यात्रा को और भी सुखद बनाती हैं।
सिकंदराबाद है पहला ग्रीन रेलवे स्टेशन
ग्रीन सर्टिफिकेट प्राप्त करने में पहला स्थान तेलंगाना में सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन को मिला है। यह स्टेशन भारतीय रेलवे और भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी-सीआईआई) के सहयोग से ‘ग्रीन रेलवे स्टेशन’ के रूप में प्रमाणित किया गया था। इसे सिल्वर रेटिंग प्राप्त हुई है, जिससे दक्षिण मध्य रेलवे को एक और बड़ी उपलब्धि मिली थी। इसके बाद देश के कई स्टेशन इस दौड में शामिल हो गए थे जिसके चलते अब कई स्टेशनों को इसमें सफलता मिल रही है इसी कड़ी में भोपाल मंडल के एक साथ 9 स्टेशनों को ग्रीन रेलव स्टेशन का सर्टिफिकेट मिलना एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।