मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने रियल एस्टेट कंपनी DHL इंफ्राबुल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी के निदेशकों पर आम लोगों को प्लॉट और डुप्लेक्स देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप है। ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद कंपनी के डायरेक्टरों और अन्य सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह घोटाला करीब 7 करोड़ रुपये से अधिक का है। आरोपियों ने लुभावने वादे कर कई निवेशकों से भारी रकम तो जमा करवा ली, लेकिन न तो उन्हें प्लॉट मिले और न ही उनके पैसे वापस किए गए।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, DHL इंफ्राबुल ने भोपाल के आसपास कॉलोनियां विकसित करने का दावा किया था। कंपनी ने लोगों को सस्ते दामों पर प्लॉट और डुप्लेक्स का सपना दिखाया। कई लोगों ने अपनी जमा-पूंजी इन प्रोजेक्ट्स में लगा दी। जब तय समय पर पजेशन नहीं मिला, तो निवेशकों ने कंपनी के दफ्तर के चक्कर काटने शुरू किए।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कंपनी के निदेशकों ने न केवल प्रोजेक्ट को अधूरा छोड़ा, बल्कि कई बार एक ही प्लॉट को अलग-अलग लोगों को बेचने की कोशिश भी की। जब निवेशकों ने दबाव बनाया, तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए। अंततः परेशान होकर पीड़ितों ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई।
इनके खिलाफ हुई FIR
ईओडब्ल्यू भोपाल ने जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें कंपनी के मुख्य डायरेक्टर और उनके सहयोगी शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक (EOW) के अनुसार, प्राथमिक जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद यह कदम उठाया गया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
धोखाधड़ी का पुराना इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब DHL इंफ्राबुल का नाम विवादों में आया है। इससे पहले भी कंपनी के खिलाफ अलग-अलग थानों में चेक बाउंस और धोखाधड़ी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। कई मामलों में कोर्ट में केस भी चल रहे हैं। ईओडब्ल्यू की इस कार्रवाई से पीड़ित निवेशकों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
जांच का दायरा बढ़ेगा
अधिकारियों का कहना है कि जांच का दायरा अब और बढ़ाया जाएगा। यह पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह ने और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है। साथ ही, कंपनी के बैंक खातों और संपत्तियों की भी जांच की जा रही है ताकि निवेशकों का पैसा रिकवर करने की दिशा में कदम उठाए जा सकें।