Bhopal News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक मशहूर कारोबारी दिलीप गुप्ता पर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने शिकंजा कसा है।
कारोबारी पर निवेशकों के साथ लगभग 35.75 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है। EOW ने शिकायत के आधार पर गुप्ता के ठिकानों पर छापेमारी की और मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आरोप है कि दिलीप गुप्ता ने अपनी कंपनियों ‘DG Minerals Pvt. Ltd’ और ‘Shri Maa Cementech Pvt. Ltd’ में निवेश के नाम पर यह फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने निवेशकों को माइनिंग के कारोबार में भारी मुनाफे और कंपनी में डायरेक्टर बनाने जैसे बड़े-बड़े सपने दिखाए।
ऐसे दिया धोखाधड़ी को अंजाम
EOW को भोपाल निवासी विनीत जैन ने शिकायत दी थी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। जांच में सामने आया कि साल 2017-18 के बीच शिकायतकर्ता ने दिलीप गुप्ता के खातों में करीब 6.89 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इसके अलावा, गुप्ता ने मुनाफे का लालच देकर शिकायतकर्ता की एमपी नगर स्थित दो संपत्तियों को बैंक में गिरवी रखवा दिया।
इन संपत्तियों पर कुल 11.15 करोड़ रुपये का लोन लिया गया, जिसकी पूरी रकम आरोपी दिलीप गुप्ता ने खुद हड़प ली। इतना ही नहीं, आरोपी ने इस लोन की EMI भी नहीं चुकाई, जिससे पूरा बोझ शिकायतकर्ता पर आ गया।
₹10 का शेयर ₹13 हजार में बेचा
इस धोखाधड़ी का सबसे चौंकाने वाला पहलू शेयरों की हेराफेरी है। आरोपी ने अपनी कंपनी के 10 रुपये के मामूली शेयर का मूल्य कागजों पर बढ़ाकर 12,972 रुपये दिखाया। इस बढ़ी हुई कीमत पर शेयर बेचकर निवेशकों से करोड़ों रुपये वसूले गए।
भरोसा जीतने के लिए आरोपी ने शेयर अलॉटमेंट के फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए और उन्हें डाक के जरिए निवेशकों को भेजा, ताकि सब कुछ असली लगे। जांच एजेंसी ने इन दस्तावेजों को जब्त कर लिया है।
बंद खातों से जारी किए करोड़ों के चेक
जब निवेशक विनीत जैन ने अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने उन्हें टालना शुरू कर दिया। दबाव बढ़ने पर गुप्ता ने 7.74 करोड़ रुपये और 13 करोड़ रुपये के दो अलग-अलग चेक दिए। जांच में पता चला कि इनमें से एक चेक ‘बंद खाते’ (Account Closed) से और दूसरा ‘ब्लॉक खाते’ (Blocked Account) से जारी किया गया था। दोनों ही चेक बाउंस हो गए।
शिकायतकर्ता का भरोसा बनाए रखने के लिए आरोपी ने बीच में 91 लाख रुपये ‘लाभांश’ के तौर पर लौटाए भी थे, ताकि निवेशक और पैसा लगाने के लिए तैयार रहे। EOW ने प्रारंभिक जांच के बाद आरोपी दिलीप गुप्ता के खिलाफ साजिश (120B), धोखाधड़ी (420), और फर्जी दस्तावेज बनाने (467/468) व इस्तेमाल करने (471) जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है।