Bhopal News : भोपाल में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने सहकारिता विभाग की मिलीभगत से संचालित गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित से करोड़ो के घोटाले का पर्दाफाश हुआ किया है। संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष संतोष जैन, बिल्डर शुभालय विला के भागीदारों और सहकारिता के अधिकारियों सहित कई लोगों पर धोखाधड़ी, कूटरचना और षडयंत्र के गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है।
इस कार्यवाही में EOW ने भोपाल क्रेडाई अध्यक्ष मनोज सिंह मीक सहित सात लोगों पर धोखाधड़ी, और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोपों में मामला दर्ज किया है। जांच में पाया गया कि संस्था के अध्यक्ष संतोष जैन ने बिल्डर से सांठगांठ कर मूल संस्थापक सदस्यों को बाहर कर दिया और फर्जी सदस्य बनाकर लगभग पांच एकड़ भूमि अवैध रूप से बिल्डर को सौंप दी।
बताया गया कि 30 जून 2004 को मेसर्स शुभालय विला से अनुबंध किया गया, जिसमें न तो निविदा प्रक्रिया अपनाई गई और न ही आमसभा की स्वीकृति ली गई। अनुबंध के पहले तीन पन्ने फर्जी पाए गए, जिन पर किसी भी गवाह के हस्ताक्षर नहीं थे। संस्था की अधिकांश भूमि बिल्डर को दे दी गई और केवल 44 भूखंड मूल सदस्यों के लिए छोड़े गए। साथ ही भूखंडों का आकार भी 2400 व 1500 वर्गफीट से घटाकर 1200 वर्गफीट कर दिया गया।
EOW जांच में यह भी सामने आया कि किसी बिल्डर से वास्तविक कोटेशन नहीं मंगाए गए, बल्कि मंगलमय और प्रियदर्शनी बिल्डर्स के नाम से फर्जी कोटेशन तैयार कर फाइल में लगाए गए। संतोष जैन ने आमसभा की कार्यवाही में भी कूटरचना कर यह दर्शाया कि उन्हें बिल्डर से अनुबंध की अनुमति मिली है, जबकि संबंधित तिथियों की सभाओं में ऐसा कोई प्रस्ताव मौजूद नहीं था।
जांच में सहकारिता विभाग के तत्कालीन उपायुक्त बबलू सातनकर की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। उन्होंने संस्था की अनियमितताओं को नजरअंदाज किया और अपनी पत्नी सुनीता सातनकर के नाम पर भूखंड क्रमांक 07 की रजिस्ट्री करवाई। इसी प्रकार संस्था की तत्कालीन अध्यक्ष अनिता बिस्ट भट्ट ने भी संतोष जैन की फर्जी योजनाओं का समर्थन करते हुए अवैध बिक्री में सहयोग किया।
EOW ने सभी आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धाराओं 120-बी, 420, 406, 467, 468 और 471 के तहत FIR दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में करोड़ों रुपये के इस घोटाले से कई उच्च पदस्थ अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत भी मिले हैं।