विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरु, 1 फरवरी से बढ़ेगी 52 CM Fellows जासूसों की संख्या विधायकों के साथ-साथ सरकार के काम-काज और योजना क्रियान्वन पर होगी पेनी नजर।
कलेक्टर, विधायकों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी होगी निगरानी।
भोपाल- 26 जनवरी. मध्यप्रदेश में 1 फरवरी 2023 से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के जासूसों 52 CM Fellows की संख्या में बढ़ोतरी होने जा रही है, पहले यह जासूस सिर्फ जिलों में ही तैनात थे। अब यह जासूस सभी 313 विकास खंडों में तैनात होंगे। यह जासूस प्रदेश की सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और जमीनी हकीकत के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर सीधे भोपाल भेजेंगे।
प्रशासनिक अधिकारियों एवं विधायकों के हर कदम पर होगी पैनी नजर
आधिकारिक तौर इन जासूसों 52 CM Fellows को सिर्फ सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियांवयन और उनकी मॉनीटरिंग के लिए नियुक्त करना बताया जा रहा है। लेकिन सरकार से जुड़े सूत्र बतातें हैं कि इनकी नियुक्ति का असली मकसद कुछ और ही है। चुनावी साल में यह जासूस सरकारी योजनाओं से ज्यादा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के कार्य व्यवहार की रिपोर्ट भी सरकार तक पहुचायेंगे।
CM Fellowship Scheme से बनाए गए हैं ‘जासूस’
उत्तर प्रदेश (UP) में चलाई जा रही UP Mukhya Mantri Fellowship Yojna मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की तर्ज पर ही मध्यप्रदेश में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान Atal Bihari Vajpayee Institute of Good Governance and Policy Analysis (AIGGPA) के तहत प्रदेश के 52 जिलों में रिसर्च एसोसिएट Research Associate की पोस्टिंग की गई थी। जिन्हें सामान्य बोलचाल की भाषा में सीएम फेलोज CM Fellows कहा जाता है। अब 1 फरवरी से सीएम फेलोज के नीचे जिले के सभी विकास खंडों में इन्टर्नस Interns भी काम करेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान का चैयरमेन पदेन मुख्यमंत्री होता है। इस तरह प्रदेश के सभी जिलों में पदस्थ सीएम फेलोज 52 CM Fellows एवं इंटर्न मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में काम करते हैं।
की दैनिक गतिविधियों पर ज्यादा नजर रखेंगे ,युवा जासूस इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत भर्ती किए जा रहे हैं जो अटल बिहारी वाजपई सुशासन संस्थान के हैं,योजना के लिए चयनित 4695 ग्रेजुएट की चयन प्रक्रिया पूरी हो गई है ज्वाइन करा कर जासूसी के लिए नियुक्त किया जाएगा विकास खंड में नियुक्त किए जाएंगे
क्यों पडी जासूसी 52 CM Fellows की जरुरत –
मप्र में सरकार बनाने और गिराने से लेकर बड़ी उठाप-पटक हुयी चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टीया अगले विधानसभा चुनाव में अपनी सरकार बनने का दावा कर रही है, इसी बीच सबसे बड़ी तलवार लटकी हुयी है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर क्यूंकि अगर टिकट वितरण सही नही हुआ तो सरकार की बनने की बात भूलना होगी और इस भंवर में सबसे बड़ी चुनौती वो विधायक है जिन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सरकार बनाने में साथ दिया, सूत्रों की माने तो इन विधायको में से आधे से ज्यादा विधायको के टिकट कट सकते है और शिवराज इस बात से भी भली भांती वाकिफ है की इनमे से कुछ विधायको का काम-काज भी ठीक नहीं है और जनता इस बार इन्हें मौका नही देगी इसलिए इन जासूसों द्वारा तैयार रिपोर्ट का आधार पर टिकट मंथन में बहुत सहायक होगी और रिपोर्ट को समिति के सामने रख ही टिकट वितरण पर विचार विमर्श होगा