Women Diet Tips: भारत में महिलाओं को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे हार्मोनल इंबैलेंस, एनीमिया, ऑस्टियोपोरोसिस, स्किन, हेयर इश्यूज और मेंटल हेल्थ की समस्याएं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है न्यूट्रिशनल माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी। खासकर महिलाएं जो पीरियड्स, प्रेगनेंसी, ब्रेस्टफीडिंग, और मेनोपॉज जैसी स्थितियों से गुजरती हैं, उन्हें खास पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अगर इन पोषक तत्वों की कमी हो तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। तो आइए जानते हैं कि महिलाओं को किन पोषक तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है और कैसे इनकी कमी से बचें:
1. आयरन
आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन प्रोडक्शन, एनर्जी ट्रांसफर और ब्रेन डेवलपमेंट के लिए जरूरी है। भारत में 67% लड़कियां और 57% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। आयरन की कमी खासकर पीरियड्स और प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा महसूस होती है। नॉन-हीम आयरन के साथ विटामिन C युक्त आहार लेने से इसकी अवशोषण क्षमता बढ़ जाती है।
2. ओमेगा-3 फैटी एसिड
यह फैटी एसिड ब्रेन हेल्थ, स्ट्रेस को कम करने, आर्थराइटिस के लक्षण कम करने और स्किन हाइड्रेशन के लिए आवश्यक है। वेजिटेरियन सोर्स जैसे फ्लैक्स सीड्स, चिया सीड्स और अखरोट इसमें मदद करते हैं, वहीं नॉन-वेज में फैटी फिश भी इसका अच्छा स्रोत है।
3. कोलेजन
कोलेजन स्किन, हड्डियां, जॉइंट और टिशू के लिए जरूरी है। 20 साल के बाद महिलाओं में कोलेजन का प्रोडक्शन घटने लगता है। इससे स्किन में झुर्रियां और सैगिंग हो सकती है। इसके लिए खट्टे फल, नट्स और बीज बेहद फायदेमंद हैं।
4. कैल्शियम
कैल्शियम बोन और दांतों के लिए जरूरी है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डेयरी उत्पाद, ग्रीन लीफ वेजिटेबल्स, और बादाम कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
5. फोलेट (विटामिन B9)
प्रेगनेंसी के दौरान फोलेट की अधिक आवश्यकता होती है, यह सेल्स डेवलपमेंट और उनकी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स हो सकते हैं। फोलेट के अच्छे स्रोत में स्प्राउट्स, ब्रोकली और लेटस शामिल हैं।
ई बनाती है। यह त्वचा के लिए एक प्राकृतिक टोनर का काम करती है।