साढ़े सात हजार पुलिस आरक्षकों का परीक्षा परिणाम अधर में

स्वतंत्र समय, भोपाल

कर्मचारी चयन मंडल से लिखित परीक्षा के परिणाम जारी नहीं होने के कारण प्रदेश में साढ़े सात हजार पुलिस आरक्षकों की नियुक्ति उलझी हुई है। लिखित परीक्षा के परिणाम आने के बाद ही शारीरिक दक्षता परीक्षा पुलिस लेगी। परीक्षा में चार से पांच माह लग जाएंगे। इसके बाद लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा के अंकों को जोडकऱ प्रावीण्य सूची तैयार की जाएगी। इसमें भी लगभग दो माह लगेंगे। इस प्रकार जून के पहले नियुक्ति होने की संभावना नहीं है। जब तक पुलिस आरक्षण भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी नहीं होते साढ़े 500 उप निरीक्षकों की भर्ती भी शुरू होने के आसार नहीं हैँ। इसकी वजह यह कि पुलिस आरक्षकों के परिणाम जारी करना कर्मचारी चयन मंडल की पहली प्राथमिकता है। दूसरी बात यह कि फरवरी-मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। इस कारण भी उप निरीक्षकों की भर्ती शुरू होने के आसार कम हैं।
पुलिस मुख्यालय सितंबर में ही उप निरीक्षकों की नियुक्ति के लिए मंडल को नियमावाली भेज चुका है। पहली बार शारीरिक दक्षता परीक्षा के 50 प्रतिशत अंक रखे गए हैं, इसके पहले की परीक्षाओं में मात्र निर्धारित अंक ही लाना पड़ता था। बता दें कि राज्य सरकार एक लाख पदों पर भर्ती कर रही है। आरक्षकों और पुलिस उप निरीक्षकों की भर्ती भी इसी का हिस्सा है। अगस्त 2023 के पहले सभी पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य था, पर कर्मचारी चयन मंडल के पास परीक्षाओं का ज्यादा दबाव होने के कारण परीक्षाओं के आयोजन और परिणाम जारी करने में देरी हो रही है।

तबादले की पुलिस अफसरों की सूची तैयार

आईएएस अफसरों के तबादलों के बीच आईपीएस अफसरों की सूची भी तैयार हो गई है, लेकिन हरदा जिले की पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट ने हटाए जाने वाले इन अफसरों को कुछ दिन की मोहलत दिला दी है। दरअसल सरकार ने फिलहाल इस तबादला सूची पर रोक लगा दी है। इस सूची में 6 अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सहित करीब ढाई दर्जन आईपीएस अफसरों के नाम बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सूची में मुख्यमंत्री के ओएसडी अंशुमान सिंह की जगह डॉ आशीष को पदस्थ किया जा सकता है। उधर, हरदा में हुए हादसे की जांच का जिम्मा प्रमुख सचिव गृह को दिए जाने की वजह से वे अभी इसकी जांच में लगे हुए हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा बीते दो दिनों से लगातार हरदा का दौरा किया जा रहा है। प्रमुख सचिव की रिपोर्ट के बाद ही हरदा जिले के पुलिस अधीक्षक आईपीएस संजीव कुमार कंचन का तबादला किया जा चुका है। उन्हें अब पुलिस कप्तान की जगह पुलिस मुख्यालय भोपाल में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के पद पर पदस्थ किया गया है। माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र के समाप्त होते ही तबादला सूची जारी कर दी जाएगी। खबर है कि सरकार हर हाल में लोकसभा चुनाव- 2024 की घोषणा के पहले वरिष्ठ पुलिस अफसरों को पदस्थ कर देगी। इसके लिए एडीजी, आईजी, डीआईजी, कुछ पुलिस अधीक्षकों के नाम को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव वीरा राणा और प्रमुख सचिव गृह के बीच बैठक कर चर्चा की जा चुकी है।

सीएस पर भी होना है फैसला

मुख्य सचिव वीरा राणा का रिटायरमेंट 31 मार्च 2024 को होना है। उन्हें एक्स्टेंशन मिलेगा या किसी और को यह जिम्मेदारी दी जाएगी, इसका फैसला भी जल्द ही हो सकता है। कयास लग रहे हैं कि मार्च के पहले पखवाड़े में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने भी राज्यों को प्रशासनिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1989 बैच के आईएएस अफसर अनुराग जैन को भी मुख्य सचिव बनाने की अटकलें लग रही हैं। यदि सीनियरिटी को देखा जाए तो 1989 बैच के आईएएस अफसर मोहम्मद सुलेमान और उनके बाद विनोद कुमार व जेएन कंसोटिया जैसे अफसर भी मुख्य सचिव पद के दावेदार हैं। यह तीनों अधिकारी 2025 में रिटायर होने वाले हैं।

अंशुमान सिंह को पदस्थ किया जाएगा एसएएफ में

प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के ओएसडी अंशुमान सिंह को जबलपुर एसएएफ का दायित्व दिया जा सकता है। उनकी जगह मुख्यमंत्री का सचिव गृह व ओएसडी डॉ. आशीष को बनाया जा सकता है। इसी तरह से ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक आईपीएस राजेश चंदेल को भी अन्य जिले की कप्तानी सौंपी जा सकती है। इसी तरह से विभिन्न जिलों में पदस्थ पुलिस महानिरीक्षक व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अफसरों के नाम भी इस तबादले सूची में शामिल बताए जा रहे हैं। उज्जैन में पदस्थ अनिल कुशवाहा को शहडोल और महेंद्र सिकरवार रेल से इंदौर ग्रामीण क्षेत्र का आईजी बनाया जा सकता है। वहीं मिथिलेश शुक्ला का नाम ग्वालियर आईजी के लिए लगभग तय कर लिया गया है। इसी तरह से छतरपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी एडिशनल पुलिस कमिश्नर इंदौर मनीष कपूरिया का स्थान ले सकते हैं। कपूरिया के रिटायर्ड होने से पद रिक्त है। बैठक में रीवा, चंबल, सागर जिले के पुलिस अधीक्षकों को बदले जाने पर भी चर्चा हो चुकी है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अभी भी कुछ नामों को लेकर एक राय नहीं बन सकी है, लेकिन कहा जा रहा है कि तबादला सूची जारी होने के पहले मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गृह के बीच चर्चा हो सकती है।