स्वतंत्र समय, भोपाल
मोहन सरकार आजादी के पहले से अंग्रेज शासनकाल में लागू किए गए एक्साइज एक्ट ( Excise Act ) सहित 13 एक्ट को बदलने जा रही है। इसके लिए विधि विभाग ने 4 महीने पहले विभागों से एक्ट (कानून) समाप्त करने के लिए प्रस्ताव बुलाए थे, लेकिन विभागों के अफसरों अभी तक यह तय नहीं कर सके कि कौन से कानून समाप्त किए जाना है। यह स्थिति तब है जब विधि विभाग ने संबंधित विभागों को उनके डिपार्टमेंट से संबंधित बदलाव के दायरे में आने वाले कानूनों (एक्ट) की पूरी जानकारी भी दे रखी है।
Excise Act जैसे अधिनियमों की समीक्षा होनी है
जिन अधिनियमों की समीक्षा होनी है, उनमें आबकारी कानून ( Excise Act ) लाइसेंस प्रणाली, किसानों की कर्जमाफी, अकाल राहत, साहूकारी नियंत्रण और नशीले पदार्थों के व्यापार से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। विधि और विधायी विभाग का कहना है कि जिन विभागों में ऐसे अधिनियम और नियम लागू हैं जो देश की आजादी से पहले बनाए गए थे, उन्हें या तो निरस्त किए जाने की जरूरत है या फिर मौजूदा हालात के अनुसार, उनमें संशोधन किया जाना चाहिए। ऐसे नियमों की जानकारी संबंधित विभागों से मांगी गई है ताकि एकत्रित जानकारी के आधार पर शासन स्तर पर फैसला किया
जा सके।
यह कानून बदले जाएंगे
कैटल डिजीजेज एक्ट (सेंट्रल प्रोविंस रीजन)1934, स्लॉटर ऑफ एनिमल्स एक्ट 1915, एडजस्टमेंट एंड लिक्विडेशन आूफ इंडस्ट्री वर्कर्स डेब्ट एक्ट 1936, एक्साइज एक्ट 1915, ओपियम एक्ट (सेंट्रल प्रोविंस रीजन)1929, फैमिन रिलीफ एंड एक्ट 1937, डेब्ट कैसिलेंशन एक्ट 1933, रेगुलेशन ऑफ कोचिंग एक्ट (सेंट्रल प्रोविंस रीजन)1944, मनी लेंडर्स एक्ट 1934, प्रोटेक्शन ऑफ डेब्टर्स एक्ट 1937, विद्यामंदिर एक्ट 1940, ग्रांट्स इन एड टू लोकल बॉडीज एक्ट 1934 तथा इरिगेशन एक्ट 1937 (सेंट्रल प्रोविंस रीजन) आदि शामिल हैं।