सीताराम ठाकुर, भोपाल
मप्र में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना (एमपीकेसी) सबसे महंगा प्रोजेक्ट ( project ) साबित होगा। सरकार एक हेक्टेयर में किसानों को पानी देने पर 14 लाख रुपए से अधिक खर्च करने जा रही है। जबकि इसी प्रोजेक्ट कुछ वृहद सिंचाई परियोजनाओं पर करीब 5 लाख हेक्टेयर में पानी मिल सकेगा। वैसे 4.72 लाख हेक्टेयर में सिंचाई कराने के लिए सरकार 28 हजार 798 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
पहले से चल रहे project की लागत बहुत कम
मप्र और राजस्थान के बीच हुए करारनामे के तहत संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से जहां 4.72 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी। वहीं, इस प्रोजेक्ट को सबसे महंगा बताया जा रहा है। इससे पहले जितने भी सिंचाई प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उनकी लागत कम है और उनसे प्रति हेक्टेयर में 4 से 5 लाख रुपए की राशि खर्च करने पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है, लेकिन एमपीकेसी प्रोजेक्ट पर सरकार 28 हजार 798 करोड़ की राशि खर्च करने जा रही है। इसके तहत पाडोन वृहद सुक्ष्म सिंचाई परियोजना पाडोन-1 एवं पाडोन-2 गुना जिले में प्रारंभ होने पर 758.66 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने पर 15,500 हेक्टेयर में ही सिंचाई हो सकेगी। इसके तहत निर्मित होने वाले सभी वृहद और सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण की लागत इसी तरह है। सीहोर जिले में निर्मित कई परियोजनाओं पर सरकार एक हजार हेक्टेयर पर 20 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं।
एमपीकेसी के तहत निर्मित प्रोजेक्ट…
सिंचाई परियोजना सिंचाई लागत करोड़ में
धनवाड़ी वृहद परियो. 12660 574.65
नैनागढ़ बैराज सूक्ष्म 17100 812.36
सोनपुर वृहद परियो. 19410 855.30
श्यामपुर बैराज वृहद 27000 1873.00
पार्वती कॉम्प्लेक्स 18500 1165.04
जेठला रिजरवायर 29000 1349.51
पाडोन वृहद सिंचाई 15400 758.66
रंजीत सागर कॉम्प्लेक्स 36500 2182.32
कालीसिंध कॉम्प्लेक्स 15500 1113.42
लखुंदर कॉम्प्लेक्स 25000 1430.80
बछौड़ा देपालपुर वृहद 27000 1538.59
सीकरी सुल्तानुपर मध्यम 9900 540.94
सोनचिरी मध्यम 7800 441.07
चंबल नहर नवीनीकरण 00 1870.60
कटीला-पवा वृहद 114700 7153.39
कुंभराज वृहद सिंचाई 97500 5138.49
कुल सिंचाई 4,72,970 हेक्टेयर
कुल राशि 29,798
सूचकांक बंधन से दी गई छूट
जल संसाधन विभाग के अवर सचिव रतनलाल प्रजापति के हस्ताक्षर से जारी प्रशासकीय मंजूरी में कैबिनेट से स्वीकृति बाद जारी आदेश में सूचकांक एवं निविदा सूचकांक के बंधन से छूट प्रदान की गई है। पूर्व में सरकार ने शिवपुरी जिले की पावा एवं सोनपुर परियोजना के लिए दी गई मंजूरी को निरस्त कर दिया है।