Fake Bill Scam : निगम में काले कारनामे रोकने कमिश्नर ने बनाई नई व्यवस्था

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर नगर निगम के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा घोटाला ( Fake Bill Scam ) उजागर हुआ है, हालांकि इस घोटाले से कई कडिय़ां जुड़ी हुई है जिसे पुलिस धीरे धीरे सुलझाने में लगी हुई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है। पूछताछ में नई नई जानकारियां उजागर होती जा रही है। घोटाले में कितने अधिकारी और कर्मचारी शामिल है इसका भी जल्द ही खुलासा होने वाला है। अभी केवल इंजीनियर अभय राठौर का नाम सामने आया है। राठौर की गिरफ्तारी के बाद कई और चौकांने वाले नाम सामने आ सकते है।

Fake Bill Scam में कर्मचारी कोई अनहोनी न कर दे

घोटाला कांड ( Fake Bill Scam ) को देखते हुए अब बहुत सारी आशंकाएं भी पैदा होना शुरू हो गई है । नगर निगम के आयुक्त शिवम वर्मा को भी यह आशंका पैदा हो गई है कि कहीं ऐसा ना हो कि घोटाले में लिप्त अधिकारी कर्मचारी अपने काले कारनामे को छुपाने के लिए कोई अनहोनी कर दे । इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए नगर निगम आयुक्त के द्वारा रात में निगम मुख्यालय की निगरानी के लिए अलग-अलग टीम बनाई गई है । सप्ताह में हर दिन अलग टीम रात के समय पर निगरानी करने का काम करेगी । करोड़ों के घोटाले में फंसे निगम के इंजीनियर अभय राठौर की गिरफ्तारी के लिए निगम ने कई जगह तलाशी ली। इधर निगम कमिश्नर ने निलंबित राठौर का काम अश्विन जनवदे को सौंप दिया है।

टीम रात में 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक तैनात रहेगी

ऐसे में दिन के समय में तो नगर निगम के मुख्यालय में भारी भीड़ और सभी लोगों की मौजूदगी रहती है । तो कहीं रात के समय पर कारनामा नहीं कर दिया जाए । इसके लिए निगम आयुक्त के द्वारा विधिवत आदेश जारी किया गया है । इस आदेश में कहा गया है कि यह टीम रात में 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देगी । इस आदेश में कहा गया है की रात्रि कालीन ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारियों निगम में तैनात सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर पूरे परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे ।

बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक

इस आदेश में आयुक्त के द्वारा रात निगम मुख्यालय के परिसर में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को निषेध कर दिया है । परिसर में किसी भी प्रकार का संदिग्ध व्यक्ति या संदिग्ध गतिविधि पाई जाने पर सुरक्षा गार्ड तथा रात में तैनात कर्मचारियों के द्वारा तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाएगी । रात्रि कालीन सुरक्षा को चाकचौबंद रखने का निर्देश भी इस आदेश में दिया गया है ।

यह टीम करेगी निगरानी…

  • सोमवार – वीरेंद्र उपाध्याय प्रभारी अधिकारी, सुरेश सिंह ठाकुर, अभिषेक चौहान, पंकज वर्मा, मुकेश यादव।
  • मंगलवार – संजय कल्याणे प्रभारी, प्यारेलाल नरवले, सोनू भोंपते, पारु ताराचंद , बबलू यादव ।
  • बुधवार – बृजमोहन भगोरिया प्रभारी, नीरज गौड़, पंकज खत्री, विक्की दादा राव, मनीष मरमट ।
  • गुरुवार – अश्विन कल्याणे प्रभारी, लखन डुबोरिया, विजय होलकर, शुभम पाठक, राधेश्याम गौड़ ।
  • शुक्रवार – आशुतोष शर्मा प्रभारी । उनके साथ सोमवार वाली टीम ड्यूटी पर रहेगी ।
  • शनिवार – केतन लोट प्रभारी । उनके साथ मंगलवार वाली टीम ड्यूटी पर रहेगी ।
  • रविवार – चेतन पाटील प्रभारी । उनके साथ बुधवार वाली टीम ड्यूटी पर रहेगी ।

रात में लग गई थी घोटाले की फाइलों में आग

इंदौर नगर निगम में वर्ष 2000 से 2005 की अवधि के दौरान नलकूप खनन घोटाला हुआ था । इस घोटाले में कागजों पर ही नलकूप खनन कर दिया गया था और ठेकेदारों को बिल का भुगतान हो गया था । इस मामले को तत्कालीन विधायक लक्ष्मण सिंह गौड़ के द्वारा विधानसभा में उठाया गया था । विधानसभा में सरकार के द्वारा सभी नलकूप का फिजिकल वेरिफिकेशन करने का आदेश जारी करने की घोषणा की थी । इसके बाद नलकूप खनन की फाइलों में रात के समय पर नगर निगम में आग लग गई थी । इस आग के साथ ही यह मामला समाप्त हो गया था ।

निलंबित इंजीनियर का काम जनवदे के हवाले

इंदौर नगर निगम में करोड़ों रुपए के फर्जी बिल घोटाले के मामले में कार्यपालक नियंत्रित अभय राठौर को कल रात को निलंबित कर दिया गया । उनके निलंबन का आदेश निगम आयुक्त शिवम वर्मा के द्वारा जारी किया गया । अभी राठौर के द्वारा विद्युत सप्लाई की व्यवस्था का कार्य देखा जा रहा था, जिसमें स्ट्रीट लाइट सहित सभी सार्वजनिक स्थानों की विद्युत व्यवस्था उनके पास थी । उन्हें निलंबित किए जाने के साथ ही इस कार्य को निगम के इंजीनियर अश्विन जनवदे को सौंप दिया गया है ।

फरार इंजीनियर की तलाश में पुलिस ने मारे छापे

पुलिस एमजी रोड के द्वारा आरोपी राहुल बडेरा के द्वारा खरीदी गई एक कार को जप्त कर लिया गया है । यह कार नगर निगम में फर्जी बिल लगाकर उससे हासिल हुए पैसे से खरीदी गई थी पुलिस रिमांड के दौरान इन आरोपियों से पूछताछ का सिलसिला जारी है। आरोपियों के द्वारा नगर निगम में फर्जी बिल लगाने के बाद जब उसका भुगतान प्राप्त होता है तो उस राशि का उपयोग किस तरह से क्या किया गया? उस बारे में भी पूछताछ की जा रही है । इन आरोपियों से यह भी जानकारी ले जा रही है कि भुगतान के रूप में प्राप्त होने वाली राशि किस तरह से इन आरोपियों के द्वारा निगम के सिस्टम में बांटी जाती थी। किसको कितनी प्रतिशत राशि प्राप्त होती थी। साथ ही नगर निगम के इंजीनियर अभय राठौर की तलाश में पुलिस के द्वारा छापामार कार्रवाई की जा रही है। अभी कोई सुराग पुलिस को नहीं लगा है ।